दिवंगत भाजपा नेता हरेकृष्ण भराली को श्रद्धांजलि
Udaipur Kiran Hindi February 27, 2025 03:42 AM

गुवाहाटी, 26 फरवरी . भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), असम प्रदेश ने जनसंघ युग के दिग्गज नेता, पूर्व भाजपा प्रदेश सांगठनिक महासचिव और पार्टी के पूर्व उपाध्यक्ष हरेकृष्ण भराली के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है. वे लंबे समय से बीमार थे और उपचार के दौरान उन्होंने अंतिम सांसें लीं. वे अपनी पत्नी, बेटी, पुत्र, परिजनों और असंख्य प्रशंसकों को छोड़कर चले गए.

भाजपा प्रवक्ता किशोर उपाध्याय ने कहा कि पार्टी उनके अमूल्य योगदान को हमेशा याद रखेगी.

आज अटल बिहारी वाजपेयी भवन में भराली के पार्थिव शरीर को अंतिम श्रद्धांजलि दी गई, जहां असम भाजपा के 65 लाख कार्यकर्ताओं की ओर से प्रदेश अध्यक्ष दिलीप सैकिया ने पुष्पांजलि अर्पित की. उन्होंने कहा, भराली सभी कार्यकर्ताओं के लिए आदर्श और प्रेरणास्रोत थे. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक के रूप में उन्होंने अपने जीवन को राष्ट्रवाद के लिए समर्पित कर दिया.

श्रद्धांजलि सभा में भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष नारायण बरकटकी और रंजीत कुमार दास, मंत्री अशोक सिंघल (असम सरकार और मुख्यमंत्री के प्रतिनिधि के रूप में), सांगठनिक महासचिव आर रविंद्र राजू और पल्लब लोचन दास, वरिष्ठ नेता तपन चौधरी, प्रदीप ठाकुरिया, विजय कुमार गुप्ता, तिर्थंकर दास कलिता और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के निर्मलेन्दु डे सहित कई विधायक और हजारों कार्यकर्ता उपस्थित रहे.

उल्लेखनीय है कि सन् 1949 में हाजो में जन्मे हरेकृष्ण भराली ने 1964, 1965 और 1967 में आरएसएस का प्रशिक्षण पूरा किया. 1967 में वे जनसंघ के जिला संगठक के रूप में बरपेटा में राजनीति में सक्रिय हुए. वे आजीवन भारत माता, जनसंघ और बाद में भाजपा की विचारधारा के प्रति समर्पित रहे.

आपातकाल के दौरान जयप्रकाश नारायण के आह्वान पर उन्होंने असम में प्रतिरोध आंदोलन में अहम भूमिका निभाई और असम वॉलंटियर फोर्स के संयोजक बने. 1977 में जेल से रिहा होने के बाद वे असम में नवगठित जनता पार्टी के महासचिव बने. आपातकाल के दौरान कांग्रेस सरकार ने जयप्रकाश नारायण, अटल बिहारी वाजपेयी और मोरारजी देसाई जैसे नेताओं को जेल भेजा था, उसी तरह असम में भी दमन चक्र चला. इस दौरान भराली को माछखोवा बस स्टैंड से गुप्त पुलिस अभियान में गिरफ्तार कर मिसा (आंतरिक सुरक्षा अधिनियम) के तहत जेल भेज दिया गया. जेल में उन्हें गंभीर यातनाएं दी गईं, लेकिन बाद में उन्होंने हाई कोर्ट में मुकदमा लड़कर दोषी पुलिस अधिकारियों को सजा दिलवाई.

दुर्भाग्य से, जेल में रहते हुए उनकी माता का निधन हो गया और पुलिस ने उन्हें हथकड़ी में जकड़कर अंतिम संस्कार में शामिल होने की अनुमति दी.

भाजपा के लिए भराली का निधन एक अपूरणीय क्षति है. उन्होंने एक समर्पित कार्यकर्ता, अद्वितीय नेता, मार्गदर्शक, संगठक और वरिष्ठ अभिभावक के रूप में पार्टी को मजबूत किया.

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/ श्रीप्रकाश

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