संतान के रूप में आते हैं पूर्वजन्म के संबंधी ! अपना हिसाब करते हैं चुकता, जानें हैरान करने वाली बातें
Newshimachali Hindi February 27, 2025 08:42 AM

संतान के रूप में कौन आता है? पूर्व जन्म के कर्मों से ही हमें इस जन्म में माता - पिता, भाई - बहन, पति - पत्नी, प्रेमिका, मित्र - शत्रु, सगे संबंधी इत्यादि संसार के जितने भी रिश्ते - नाते हैं सब मिलते हैं.

क्योंकि इन सबको हमें या तो कुछ देना होता है या इसे कुछ लेना होता है. वैसे ही संतान के रूप में हमारा कोई पूर्व जन्म का संबंधी ही आकर हमारे यहां जन्म लेता है. जिसे शास्त्रों में चार प्रकार का बताया गया है.

  • ऋणानुबंध संतान : पूर्व जन्म का कोई ऐसा जीव जिससे आपने ऋण लिया हो या उसका किसी भी प्रकार से धन नष्ट किया हो, वह आपके घर में संतान बनाकर जन्म लेगा. वह अपना धन बीमारी में या व्यर्थ के कार्यों में तब तक नष्ट करेगा जब तक उसका पूरा हिसाब ना हो जाए. इस तरह वह आपसे अपना हिसाब पूर्ण करेगा.
  • शत्रु संतान : पूर्व जन्म का कोई दुश्मन आपसे बदला लेने के लिए आपके घर में संतान बनकर आएगा. बड़ा होने पर वह माता-पिता से मारपीट, झगड़ा करेगा या उन्हें सारी जिंदगी किसी न किसी प्रकार से सताता ही रहेगा. वह हमेशा कड़वा बोलकर उनकी बेइज्जती करेगा. उन्हें दुखी रखकर ही खुश होगा. पुत्री के रूप में वह माता पिता की इच्छा विरुद्ध घर से भागकर अथवा अंतरजातीय विवाह करके अपना बदला पूर्ण करती है.
  • उदासीन संतान : इस प्रकार की संतान न तो माता-पिता की सेवा करती है और ना ही कोई सुख देती है. वह उन्हें उनके हाल पर मरने के लिए छोड़ देती है. विवाह होने पर यह माता-पिता से अलग हो जाते हैं और उनकी चिंता नहीं करते.इनका माता पिता के प्रति कोई लगाव नहीं होता है.
  • सेवक संतान : पूर्व जन्म में यदि आपने किसी की खूब सेवा की है तो वह अपनी की हुई सेवा का ऋण उतारने के लिए आपकी सेवा करने के लिए पुत्र अथवा पुत्री बनकर आता है. आपने जो बोया है वही तो काटोगे यदि आपने माता-पिता की सेवा की है तो ही आपकी संतान बुढ़ापे में आपकी सेवा करेगी.
  • यह सिद्धांत सिर्फ इंसान पर ही नहीं बल्कि सभी जीवों पर लागू होता है. यदि आपने किसी गाय की निस्वार्थ भाव से सेवा की है तो वह भी पुत्र या पुत्री बनकर आ सकती है. यदि आपने उसके दूध देना बंद करने के पश्चात उसे घर से निकाल दिया हो तो वह ऋणानुबंध पुत्र या पुत्री बनाकर जन्म लेगी. यदि आपने किसी निर्दोष जीव को सताया है तो वह आपके जीवन में शत्रु संतान बनकर आएगा. इसलिए जीवन में कभी किसी का बुरा ना करें. प्रकृति का नियम है कि आप जो भी करोगे उसे वह आपको इस जन्म में या अगले जन्म में सौ गुना वापस करके देगी.

    © Copyright @2025 LIDEA. All Rights Reserved.