बच्चों की परवरिश में दें सही आजादी, ताकि वे बनें आत्मविश्वासी और मजबूत व्यक्तित्व वाले इंसान
Newsindialive Hindi February 28, 2025 02:42 AM

बच्चों की परवरिश किसी भी माता-पिता के लिए आसान काम नहीं होता। बच्चों की पर्सनैलिटी और मानसिक विकास इस बात पर निर्भर करता है कि उन्हें किस तरह से गाइड किया जा रहा है।

बहुत ज्यादा सख्ती बच्चों को डरपोक और मानसिक रूप से कमजोर बना सकती है।
बिल्कुल छूट देने से वे बिगड़ैल और जिद्दी हो सकते हैं।

इसलिए जरूरी है कि सही बैलेंस बनाए रखा जाए, ताकि बच्चा आत्मविश्वासी और मानसिक रूप से मजबूत व्यक्ति बने। इसके लिए पैरेंट्स को थोड़ी सख्ती के साथ कुछ मामलों में बच्चों को आजादी देने की भी जरूरत है। आइए जानते हैं वे कौन-से चार महत्वपूर्ण क्षेत्र हैं, जहां बच्चों को स्वतंत्रता देना फायदेमंद हो सकता है।

1.खुलकर कहने दें उन्हें अपने मन की बात

बच्चे स्वभाव से जिज्ञासु होते हैं। वे हर चीज को लेकर सवाल पूछते हैं और अपने मन की बात माता-पिता से शेयर करना चाहते हैं।
अक्सर माता-पिता बच्चे की बातें सुनने में दिलचस्पी नहीं लेते या उन्हें चुप करा देते हैं।
इसका असर उनके आत्मविश्वास पर पड़ता है और वे दूसरों के सामने अपनी बात रखने में झिझकने लगते हैं।

क्या करें?
जब भी बच्चा आपसे कुछ कहे, तो उसे ध्यान से सुनें।
उसकी बातों को अनसुना करने या उसे चुप कराने की बजाय, उसे खुलकर अपनी भावनाएं व्यक्त करने दें।
इससे बच्चे का कॉन्फिडेंस बढ़ेगा और वह लोगों के सामने खुद को सहज तरीके से जाहिर कर पाएगा।

2. बच्चों को दूसरों से घुलने-मिलने की दें आजादी

कई माता-पिता अपने बच्चों को ज्यादा लोगों से घुलने-मिलने नहीं देते।
घर में मेहमान आए तो उन्हें कमरे में भेज दिया जाता है, बाहर के बच्चों के साथ खेलने से मना कर दिया जाता है।
इसका असर उनके सोशल स्किल्स पर पड़ता है, जिससे वे बड़े होकर बातचीत करने में हिचकिचाते हैं।

क्या करें?
बच्चों को दूसरों से बातचीत करने और दोस्त बनाने की आजादी दें।
उन्हें सोशल एक्टिविटीज में हिस्सा लेने के लिए प्रेरित करें।
इससे वे लोगों से घुलना-मिलना और बातचीत करने का आत्मविश्वास विकसित कर सकेंगे।

3. खुद से जुड़े कुछ फैसले लेने दें

बचपन से ही बच्चों को छोटे-छोटे फैसले लेने की आदत डालें।
इससे वे आत्मनिर्भर बनेंगे और सही-गलत का निर्णय लेना सीखेंगे।

क्या करें?
उनसे उनके पसंदीदा विषय, स्कूल की एक्टिविटीज और हॉबीज़ से जुड़े फैसले खुद लेने दें।
करियर से जुड़े फैसलों में उनकी रुचि को समझें और उन पर अपनी पसंद न थोपें।
आप उन्हें गाइड कर सकते हैं, लेकिन निर्णय लेने की स्वतंत्रता भी दें।

फायदा: इससे बच्चा अपनी जिम्मेदारी समझेगा और सही फैसले लेना सीखेगा।

4. गलती करने दें, ताकि सीख सकें

बच्चे जब तक खुद गलतियां नहीं करेंगे, तब तक कुछ नया सीख नहीं पाएंगे।
अगर माता-पिता हर समय उनकी गलतियों को सुधारते रहेंगे, तो बच्चे का आत्मविश्वास विकसित नहीं होगा।

क्या करें?
जब बच्चा कोई नया काम करने की कोशिश कर रहा हो, तो उसे खुद करने दें।
अगर वह गलती करता है, तो उसे सिखाएं, लेकिन तुरंत रोकें नहीं।
इससे वह अपनी गलतियों से सीखकर और बेहतर करेगा।

फायदा: बच्चा स्वतंत्र रूप से सोचने और समस्याओं का हल निकालने में सक्षम बनेगा।

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