हाल ही में हुए एक रिसर्च में मेल हेल्थ यानी पुरुषों के स्वास्थ्य को लेकर चौकाने वाला खुलासा हुआ। पिछले एक दशक में, इरेक्टाइल डिसफंक्शन (नपुंसकता) के मामलों में काफी वृद्धि हुई है। पहले ये समस्या बड़ी उम्र के पुरुषों तक सीमित थी लेकिन अब युवा भी इस से पीड़ित हैं। शोधकर्ताओं ने इस मुद्दे में योगदान देने वाले कई महत्वपूर्ण कारकों की पहचान की है, जिससे कुछ चौंकाने वाली जानकारियाँ सामने आई हैं।
नपुंसकता के बढ़ते मामलों के प्रमुख कारण
1. तनाव और मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याएँ
आधुनिक जीवनशैली ने तनाव के कारण कई स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती है। काम का दबाव, वित्तीय चिंताएँ और रिश्तों में टकराव पुरुषों के मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डालते हैं। बढ़ते तनाव से कोर्टिसोल का स्तर बढ़ जाता है। ये एक ऐसा हार्मोन है जो टेस्टोस्टेरोन के उत्पादन को कम करता है। यह हार्मोनल असंतुलन यौन स्वास्थ्य को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित कर सकता है और इरेक्टाइल डिसफंक्शन में योगदान दे सकता है।
2. खराब आहार और मोटापा
फास्ट फूड और प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों का सेवन समग्र स्वास्थ्य पर ही बुरा प्रभाव डालता हैं। इन खाद्य पदार्थों में हानिकारक पदार्थ होते हैं जो हार्मोनल संतुलन को बाधित करते हैं। इसके अतिरिक्त, मोटापा इरेक्टाइल डिसफंक्शन का एक प्रमुख कारक है। पुरुषों में एस्ट्रोजन के स्तर को बढ़ाता है, जिससे यौन प्रदर्शन कम होता है और टेस्टोस्टेरोन का स्तर कम होता है।
3. धूम्रपान और शराब का सेवन
अत्यधिक धूम्रपान और शराब का सेवन पुरुषों के यौन स्वास्थ्य पर हानिकारक प्रभाव डालता है। धूम्रपान करने वालों में इरेक्टाइल डिस्फंक्शन होने की संभावना 50% अधिक होती है। शराब का सेवन टेस्टोस्टेरोन के स्तर को भी कम करता है, जिससे यौन क्रिया और भी खराब हो जाती है।
4. प्रदूषण और रासायनिक जोखिम
पर्यावरण प्रदूषण और रासायनिक जोखिम पुरुष प्रजनन स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा रहे हैं। शोधकर्ताओं के अनुसार प्रदूषण शुक्राणु की गुणवत्ता और मात्रा को कम करता हैं। इसके अलावा, प्लास्टिक और अन्य रसायनों में मौजूद एंडोक्राइन डिसरप्टर्स भी हार्मोनल असंतुलन का कारण बनते हैं।
5. डिजिटल उपकरणों का अत्यधिक उपयोग
स्मार्टफोन और लैपटॉप का अधिक उपयोग भी पुरुषों की यौन क्षमता को प्रभावित कर रहा है। इन उपकरणों से निकलने वाली हानिकारक किरणें शुक्राणुओं की गुणवत्ता को नुकसान पहुंचाती हैं। साथ ही, लंबे समय तक बैठकर काम करने से भी पुरुषों की प्रजनन क्षमता प्रभावित होती है।