जबलपुर, 2 मार्च . हाईकोर्ट के दो बार पेश होने के आदेश के बाद भी आदेश का पालन न करना सिंगरौली के एक एसडीओ को भारी पड़ सकता है.
हाईकोर्ट ने सिंगरौली के चितरंगी एसडीओ के खिलाफ अब वारंट जारी कर दिया है. मप्र के सिंगरौली की जनपद पंचायत चितरंगी के गांव दिघवार के किसान कर्मणी सिंह के द्वारा हाईकोर्ट जबलपुर में एक रिट याचिका दायर की गई थी. जिसमें उन्होंने ग्राम पंचायत दिघवार के सचिव, रोजगार सहायक और सरपंच के द्वारा किए जा रहे अवैध कामों की शिकायत एसडीओ चितरंगी से की थी. जिसमें अपनी शिकायत में उन्होंने बताया था कि मनरेगा के तहत उन अपात्र व्यक्तियों को मजदूरी का भुगतान किया जा रहा है जो पहले से ही विभिन्न स्थानों में काम कर रहे है. इस शिकायत में उन्होंने ऐसे व्यक्तियों के नाम की सूची भी उपलब्ध कराई थी जिनको अपात्र होते हुए भी मनरेगा के तहत मजदूरी का भुगतान किया जा रहा है.
इस याचिका पर सुनवाई जस्टिस विवेक अग्रवाल की सिंगल बेंच में हुई. जिसमें उन्होंने सुनवाई के दौरान यह माना कि पिछली सुनवाई के दौरान दिए गए आदेश का पालन नहीं किया है. जिसमें एसडीएम चितरंगी को प्रत्यक्ष रुप से उपस्थित होने और कंप्लायंस रिपोर्ट जमा करने के निर्देश दिए गए थे. लगातार दो बार प्रत्यक्ष रुप से कोर्ट में उपस्थित होने के आदेश के बाद भी चितरंगी के सब डिविजनल ऑफीसर के द्वारा कोर्ट के आदेश का पालन नहीं किया गया है. जिस पर कोर्ट ने सख्त लहजा अपनाते हुए एसडीओ चितरंगी,जिला सिंगरौली के खिलाफ 500 रुपए का जमानती वारंट जारी किया है.
इस याचिका पर सुनवाई के दौरान राज्य के पैनल अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया था कि संबंधित एसडीओ को निष्पक्ष जांच करने के निर्देश दिए जाएंगे. आरोप सिद्ध होने पर सचिव, रोजगार सहायक और ग्राम पंचायत दिघवार के सरपंच के खिलाफ उचित कार्यवाही की जाएगी. इस याचिका की अगली सुनवाई 7 मार्च 2025 को कोर्ट के सामने पेश होने के निर्देश जारी किए हैं.
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/ विलोक पाठक