वेदांता ग्रुप ने शेयरधारकों को खत लिख किया ये ऐलान, आज को शेयरों में देखने को मिल सकती है हलचल!
नई दिल्ली: दिग्गज उद्योगपति अनिल अग्रवाल के स्वामित्व वाले वेदांता ग्रुप (Vedanta Group) ने अपने शेयरधारकों के लिए एक खत लिखा है. इस खत में समूह की कंपनी हिंदुस्तान जिंक (Hindustan Zinc) का प्रोडक्शन अगले पांच सालों में बढ़ाकर डबल करने की बात कही गई है. हिंदुस्तान जिंक की चेयरपर्सन प्रिया अग्रवाल हेब्बार ने कहा, “भारत की मेटल क्षमता में विस्तार और इंफ्रास्ट्रक्चर पर ध्यान फोकस करने के साथ, हिंदुस्तान जिंक 2030 तक अपने प्रोडक्शन को डबल करने की दिशा में काम कर रहा है.” फिलहाल, कंपनी का जिंक प्रोडक्शन सालाना 11 लाख टन है, जबकि 20 लाख टन का टार्गेट रखा गया है. AI टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर रही कंपनी उन्होंने आगे कहा कि कंपनी महत्वपूर्ण खनिजों प्रोडक्शन में भी विस्तार कर रही है और देश के कई ब्लॉकों के लिए उसे पसंदीदा बोलीदाता घोषित किया गया है. हिंदुस्तान जिंक की रोस्टर और फर्टिलाइजर प्लांट प्रोजेक्ट्स भी तेजी से आगे बढ़ रहे हैं. इसके अलावा, कंपनी अपनी ऑपरेशन क्षमता में मानवीय हस्तक्षेप को कम करने के लिए 'टेली-रिमोट' ऑपरेशन और मॉर्डन रोबोटिक्स का इस्तेमाल कर रही है, जो उसे लगताार भूमिगत खदानों को प्रभावी ढंग से संचालित करने की क्षमता देते है. कंपनी के AI टेक्नोलॉजी को अपनाने से अयस्क निकालने और मेटल प्रोडक्शन में काफी सुधार हुआ है. इसके अलावा, इसकी उत्पादकता लगातार बढ़ी है. बीते पांच सालों में हिंदुस्तान जिंक का मेटल प्रोडक्शन हर साल 4 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की है, जबकि चांदी का प्रोडक्शन पांच प्रतिशत की दर से बढ़ा है. वेदांता ने नए खनिज ब्लॉक्स हासिल किएमालूम हो कि खनन मंत्रालय की ओर से नवंबर 2024 में आयोजित चौथे दौर की नीलामी में वेदांता ग्रुप को अरुणाचल प्रदेश में डेपो वैनाडियम और ग्रेफाइट ब्लॉक और कर्नाटक में सन्यासिकोप्पा कोबाल्ट, मैंगनीज और आयरन ब्लॉक मिले थे. यह नीलामी प्रीमियम क्रमशः 2.55% और 45% था. इस नीलामी में हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड और अन्य प्रमुख कंपनियां भी विजेता रही थीं. बीते दिनों अनिल अग्रवाल ने किया था ये ऐलान वहीं, वेदांता ग्रुप के चेयरमैन अनिल अग्रवाल ने हाल ही में असम और त्रिपुरा के तेल और गैस सेक्टर में 50,000 करोड़ रुपये का निवेश करने की प्लानिंग का ऐलान किया. वेदांता की सब्सिडरी केयर्न ऑयल एंड गैस पहले ही इस सेक्टर में 2,500 करोड़ रुपये का इंवेस्टमेंट कर चुकी है. अग्रवाल ने कहा, "असम में प्राकृतिक संसाधनों की प्रचुरता है और यह दुनिया का मेगा बेसिन बनने की क्षमता रखता है. हम इसके सस्टेनेबल डेवलपमेंट में अहम योगदान देने के लिए तैयार हैं."