हमारे घर के बड़े-बुजुर्गों की दी गई सलाह सिर्फ धार्मिक या शास्त्र सम्मत ही नहीं होती, बल्कि इसके पीछे वैज्ञानिक कारण (Scientific Reasons) भी होते हैं। अक्सर हम इन बातों को रूढ़िवादी मानकर नजरअंदाज कर देते हैं, लेकिन अगर ध्यान दिया जाए तो ये हमारी सेहत और जीवन के लिए बहुत जरूरी होती हैं।
आज हम आपको ऐसी 5 परंपरागत सलाह के बारे में बताएंगे, जिन्हें घर के बुजुर्ग अपनाने की सलाह देते हैं। ये ना सिर्फ आपकी किस्मत पर असर डालती हैं, बल्कि सेहत को भी प्रभावित कर सकती हैं।
दूसरों के कपड़े पहनने से बचें बुजुर्गों की मान्यता:घर के बड़े हमेशा कहते हैं कि दूसरों के कपड़े नहीं पहनने चाहिए, खासतौर पर अंडरगार्मेंट्स और निजी वस्त्र।
वैज्ञानिक कारण:दूसरों के कपड़े पहनने से बैक्टीरिया और फंगल इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है।
अगर कपड़े ठीक से साफ नहीं किए गए हैं, तो वे त्वचा संबंधी रोग (Skin Infections) और एलर्जी फैला सकते हैं।
अंडरगार्मेंट्स शेयर करने से यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (UTI) और अन्य बैक्टीरियल डिजीज होने का खतरा रहता है।
सुझाव: किसी के भी कपड़े पहनने से पहले उन्हें अच्छी तरह धो लें और पर्सनल गार्मेंट्स कभी शेयर ना करें।
नाखून चबाना बुरी आदत है बुजुर्गों की मान्यता:घर के बड़े-बुजुर्ग कहते हैं कि नाखून चबाने से भाग्य खराब होता है और यह गरीबी को बुलावा देता है।
वैज्ञानिक कारण: नाखूनों में बैक्टीरिया और गंदगी भरपूर मात्रा में होती है।
जब आप नाखून चबाते हैं, तो ये गंदगी पेट में चली जाती है और इंफेक्शन या पेट संबंधी बीमारियों का कारण बन सकती है।
इससे दांतों पर भी असर पड़ता है और वे कमजोर हो सकते हैं।
सुझाव: नाखून चबाने की आदत को छोड़ें और समय-समय पर क्लीन और ट्रिम करें।
खाने की थाली में हाथ नहीं धोना चाहिए बुजुर्गों की मान्यता:खाने के बाद थाली में हाथ धोना अपशगुन माना जाता है, क्योंकि ऐसा करने से लक्ष्मी माता नाराज हो जाती हैं।
वैज्ञानिक कारण: खाने की थाली में हाथ धोने से गंदगी और बैक्टीरिया फैल सकते हैं।
अगर थाली ठीक से साफ नहीं की गई, तो उसमें जमे बैक्टीरिया अगली बार खाने वाले व्यक्ति तक पहुंच सकते हैं।
यह फूड पॉइजनिंग और अन्य पेट की बीमारियों का कारण बन सकता है।
सुझाव: खाने के बाद हाथ थाली से अलग किसी स्थान पर धोएं और फिर साबुन से साफ करें।