राजस्थान टेक्निकल यूनिवर्सिटी के हॉस्टल में एक किंग कोबरा सांप घुसने से हड़कंप मच गया। इस हॉस्टल में लगभग 350 स्टूडेंट्स रहते हैं। सोमवार (3 मार्च) रात को जब छात्र खाना खा रहे थे, तभी उन्होंने ब्लैक कोबरा देखा। सांप को देखकर छात्रों में अफरा-तफरी मच गई। सभी छात्र खाना छोड़कर खड़े हो गए और शोर मचाने लगे, जिससे अन्य छात्र भी कमरे से बाहर आ गए।
स्नेक कैचर को बुलाया गया
इस दौरान स्नेक कैचर गोविंद शर्मा को सूचित किया गया, और वह तुरंत मौके पर पहुंचे। गोविंद शर्मा ने कड़ी मशक्कत के बाद ब्लैक कोबरा का रेस्क्यू किया और उसे लाडपुरा के जंगल में छोड़ दिया। इस घटना के बाद सभी स्टूडेंट्स और स्टाफ ने राहत की सांस ली। यूनिवर्सिटी परिसर के आसपास झाड़ियां और जंगल होने के कारण कोबरा सांप हॉस्टल तक पहुंच गया था।
कोबरा सांप बेहद जहरीला होता है
सांप विशेषज्ञों के अनुसार, कोबरा सांप दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया में पाया जाता है। भारत, चीन, इंडोनेशिया और थाईलैंड सहित कई देशों में कोबरा की प्रजातियां हैं। ये सांप जंगलों के अलावा कभी-कभी घरों में भी घुस जाते हैं। कोबरा सांप का विष न्यूरोटॉक्सिक होता है, जो तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करता है। समय पर इलाज न मिलने पर व्यक्ति की मौत भी हो सकती है।
मादा कोबरा अधिक आक्रामक होती है
नर कोबरा की लंबाई 4 से 5 फीट तक होती है, जबकि मादा कोबरा की लंबाई 2.5 से 3 फीट तक होती है। मादा कोबरा नर की तुलना में अधिक आक्रामक होती है और अधिक जल्दी हमला करती है। कोबरा आमतौर पर 4 से 5 बार काटता है। इसके दांत अधिक बड़े होते हैं, जिससे यह अधिक विष छोड़ता है। काटने के 30 मिनट बाद ही विष के लक्षण दिखाई देने लगते हैं। काटने वाली जगह पर सूजन आ जाती है, पल्स रेट में उतार-चढ़ाव होने लगता है, और यह तंत्रिका तंत्र पर असर डालता है।