होलाष्टक का हिंदू धर्म में बहुत महत्व है। दरअसल होलाष्टक आठ दिनों की अवधि का माना जाता है। इस अवधि में सभी शुभ एवं मांगलिक कार्य वर्जित रहते हैं। हालाँकि होलाष्टक के दौरान व्रत, दान और भक्ति पर कोई प्रतिबंध नहीं है। होलाष्टक की अवधि होली से आठ दिन पहले शुरू होती है। होलाष्टक का समापन होलिका दहन के साथ होता है।
इस वर्ष होलाष्टक कब पड़ेगा?
वैदिक पंचांग के अनुसार इस वर्ष होली का त्यौहार 14 मार्च को मनाया जाएगा। इस वर्ष होलाष्टक 7 मार्च से प्रारंभ होगा। इसके बाद 13 मार्च को होलिका दहन के साथ होलाष्टक की अवधि समाप्त हो जाएगी।
होलाष्टक के लिए उपाय
ज्योतिषियों का मानना है कि होलाष्टक के दिन बहुत खास होते हैं। अगर इस दौरान कुछ खास उपाय किए जाएं तो घर में कभी भी पैसों की कमी नहीं होगी। घर हमेशा धन से भरा रहता है। होलाष्टक से होलिका दहन तक करना चाहिए ये एक काम।
उत्तर-पूर्व दिशा में दीपक जलाएं।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार होलाष्टक से लेकर होलिका दहन तक घर की उत्तर-पूर्व दिशा में दीपक जलाना चाहिए। दीपक जलाने के बाद उसकी लौ को देखना चाहिए और देवी लक्ष्मी का ध्यान करना चाहिए। होलाष्टक से लेकर होलिका दहन तक घर की उत्तर पूर्व दिशा में दीपक जलाने से देवी लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं, जिससे घर की आर्थिक स्थिति बेहतर होती है और घर में सुख-शांति आती है।
दान से लाभ
होलाष्टक के दिनों में दान अवश्य करना चाहिए। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दौरान दान देने से जीवन के दुख दूर होते हैं। भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त होता है। होलाष्टक के दौरान गरीबों और जरूरतमंदों को कपड़े, अनाज, तिल, गुड़, हल्दी और धन दान करना शुभ माना जाता है। होलाष्टक के दौरान दान करने से आर्थिक परेशानियां दूर होती हैं।