आयकर गणना:
नई कर व्यवस्था के तहत
अब वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2025 में घोषणा की है कि अब 12 लाख रुपये तक की वार्षिक आय वाले व्यक्तियों को कोई भी आयकर नहीं देना होगा। यह छूट मानक कटौती और पुनः संशोधित कर छूट के बाद मिलेगी। पहले जहां ₹7 लाख तक की आय पर ₹25,000 की कर छूट दी जाती थी, अब इसे ₹12 लाख तक बढ़ा दिया गया है।
अगर आपकी वार्षिक आय ₹12.75 लाख है, तो नई नियमों के अनुसार आपको कोई कर नहीं देना होगा। आइए समझते हैं कैसे:
नई कर व्यवस्था के स्लैब्स:
कुल कर दायित्व (छूट से पहले): ₹20,000 + ₹40,000 = ₹60,000
अंतिम कर दायित्व: ₹60,000 – ₹60,000 = ₹0
इसलिए, ₹12.75 लाख तक की वार्षिक आय पर कोई कर नहीं लगेगा और आपकी टेक-होम सैलरी ₹12.75 लाख सालाना होगी। इसका मतलब है कि ₹12.75 लाख तक की आय वाले लोग अपनी पूरी सैलरी बिना किसी टैक्स के ले सकते हैं।
₹13 लाख वार्षिक आय पर कर गणनाअब देखते हैं ₹13 लाख वार्षिक आय पर कर गणना कैसे होगी:
नई कर व्यवस्था के स्लैब्स:
कुल कर दायित्व (सेस के पहले): ₹20,000 + ₹40,000 + ₹3,750 = ₹63,750
कुल कर दायित्व (सेस के साथ): ₹63,750 + ₹2,550 = ₹66,300
इससे पहले आपको लगेगा कि ₹12.75 लाख कमाने वाले लोग पूरी सैलरी टेक-होम कर सकते हैं, जबकि ₹13 लाख कमाने वाले केवल ₹12.33 लाख ही ले सकते हैं, जो कम है। इसलिए सरकार थोड़ा राहत प्रदान करती है, जिसे "मार्जिनल राहत" कहा जाता है।
मार्जिनल राहत का प्रावधानमार्जिनल राहत यह सुनिश्चित करती है कि जो लोग ₹12 लाख से थोड़ा अधिक कमा रहे हैं, उन्हें कर राहत दी जाए ताकि वे ₹12 लाख वाले व्यक्ति से कम सैलरी न लें।
मार्जिनल राहत की गणना (₹13 लाख के लिए):
ताकि ₹13 लाख कमाने वाला व्यक्ति ₹12 लाख कमाने वाले से कम सैलरी न ले, कर दायित्व ₹66,300 के बजाय ₹25,000 होगा। इस प्रकार, नेट टेक-होम सैलरी होगी:
नोट: यह गणना नई कर व्यवस्था के तहत की गई है। यदि आप पुरानी कर व्यवस्था में हैं, तो छूट और कटौती अलग हो सकती हैं।