गिल को उनकी कविता पुस्तक ‘मैं जब तक आई बहार’ और कीर को उनके उपन्यास ‘स्पिरिट नाइट्स’ के लिए पुरस्कार प्रदान किया गया। सोहन कौल को उनके कश्मीरी उपन्यास ‘साइकिएट्रिक वार्ड’ के लिए जबकि पॉल कौर को उनकी पंजाबी कविताओं की पुस्तक ‘सुन गुणवंता सुन बुद्धिवंता : इतिहासनामा पंजाब’ के लिए पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
ALSO READ:
पुरस्कार प्राप्त करने वालों में के. जयकुमार (मलयालम), हाओबम सत्यबती देवी (मणिपुरी), दिलीप झावेरी (गुजराती), समीर तांती (असमिया), मुकुट मणिराज (राजस्थानी) और दीपक कुमार शर्मा (संस्कृत) शामिल हैं। बोडो उपन्यास ‘स्वरनी थकाई’ के लिए एरोन राजा बसोमातरी को पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
डोगरी लघु कहानी संग्रह ‘इक होर अश्वत्थामा’ के लिए चमन लाल अरोड़ा को मरणोपरांत पुरस्कार से सम्मानित किया गया। लघु कथा श्रेणी में युवा बराल को ‘छिचिमीरा’ (नेपाली) और हुंडराज बलवानी को ‘पुर्जो’ (सिंधी) के लिए पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
ALSO READ:
मुकेश थली (कोंकणी), महेंद्र मलंगिया (मैथिली) और बैष्णब चरण सामल (उड़िया) को उनके निबंधों के लिए जबकि एआर वेंकटचलपति (तमिल) को शोध और महेश्वर सोर्न को नाटक ‘सेच्ड सावन्ता रेन अंधा मनमी’ (संताली) के लिए पुरस्कार प्रदान किया गया। केवी नारायण, सुधीर रसाल और पेनुगोंडा लक्ष्मीनारायण को क्रमशः कन्नड़, मराठी और तेलुगु में उनकी साहित्यिक कृतियों के लिए सम्मानित किया गया।
सैयद अतीकउल्लाह ताबिश को उर्दू में उनकी कृतियों के लिए यह पुरस्कार प्रदान किया गया। पुरस्कार विजेताओं में से प्रत्येक को एक पट्टिका, एक शॉल और एक लाख रुपए दिए गए। समारोह को प्रसिद्ध नाटककार महेश दत्तानी ने संबोधित किया। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour