– यूनियन कार्बाइड का जहरीला कचरा जलाने का दूसरा ट्रायल हुआ पूरा, 10 मार्च से होगा तीसरा ट्रायल रन
इंदौर, 8 मार्च . भोपाल गैस त्रासदी के बाद भोपाल की यूनियन कार्बाइड में 40 साल डम्प पड़े जहरीले कचरे का निष्पादन मप्र उच्च न्यायालय के निर्देशानुसार पीथमपुर में किया जा रहा है. यूनियन कार्बाइड के इस जहरीले कचरे को जलाने के ट्रायल रन का दूसरा चरण शनिवार को रात आठ बजे संपन्न हुआ. पीथमपुर के री-सस्टेनेबिलिटी (पूर्व में रामकी) कंपनी में दूसरे चरण में कचरा जलाने की प्रक्रिया छह मार्च को सुबह 11.06 बजे शुरू हुई थी. इसमें 180 किलो प्रति घंटे की दर से कचरा जलाया गया. दूसरे ट्रायल रन में 10 टन कचरे का निष्पादन करने में 57 घंटे लगे. यह प्रक्रिया 55 घंटे में पूरी होना थी, परंतु इसमें देर हुई. आखिरी खेप शनिवार शाम 7.05 बजे डाली गई और इसे करीब एक घंटे तक जलाया गया.
इंदौर संभागायुक्त दीपक सिंह ने बताया कि उच्च न्यायालय के निर्देश पर पीथमपुर की रामकी कंपनी में यूनियन कार्बाइड के रासायनिक कचरे को नष्ट किया जा रहा है. पहले ट्रायल रन में 28 फरवरी से तीन मार्च तक 10 टन कचरा जलाया गया था. इसके बाद छह मार्च को दूसरा ट्रायल रन शुरू हुआ, जो शनिवार रात आठ संपन्न हुआ. दूसरे ट्रायल रन में भी 10 टन रासायनिक कचरा जलाया गया है. अब तीसरा ट्रायल रन 10 मार्च से शुरू किया जा सकता है.
इधर, प्रदूषण विभाग के अनुसार शनिवार को दोपहर 12:46 बजे इंटरनेट बंद हो जाने से ऑनलाइन सर्वर पर डाटा फीड होना बंद हो गया था. इससे दोपहर एक बजे से करीब बीस मिनट के लिए भस्मक में कचरा डालना रोका दिया गया था. भस्मक के तापमान को बनाए रखने और आखिरी खेप को करीब एक घंटा जलाने से दो घंटे अतिरिक्त लगे. मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के निर्देशानुसार 10 मार्च से कचरा जलाने के ट्रायल रन का तीसरा चरण शुरू किया जाएगा. इसके बाद तीनों ट्रायल रन की विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर कोर्ट में प्रस्तुत की जाएगी. कचरा जलाने के साथ ही चिमनी से निकलने वाले धुएं व कण की निगरानी व मॉनिटरिंग मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड व केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के 20 अधिकारी-कर्मचारी कर रहे हैं.
तोमर