उत्तर प्रदेश के बजट में हाल ही में बलिया जिले के लिए एक बड़ी खुशखबरी आई। योगी सरकार ने अपने नए बजट में बलिया को एक मेडिकल कॉलेज देने का ऐलान किया। यह खबर सुनते ही जिले भर में खुशी की लहर दौड़ गई। लोग इसे अपने इलाके के विकास के लिए एक बड़ा कदम मान रहे हैं। इस घोषणा के बाद बलिया की बांसडीह सीट से बीजेपी विधायक केतकी सिंह ने विधानसभा में भोजपुरी में अपना संबोधन दिया था, जिसकी खूब चर्चा हुई। इसके बाद जब वह बलिया पहुंचीं, तो उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को दिल से धन्यवाद कहा। उन्होंने कहा कि यह मेडिकल कॉलेज न सिर्फ इलाज की सुविधा देगा, बल्कि युवाओं को पढ़ाई और रोजगार का मौका भी देगा। यह खबर जिले के लोगों के लिए किसी सपने के सच होने जैसी थी, क्योंकि मेडिकल कॉलेज की मांग यहां लंबे समय से की जा रही थी।
विधायक का अनोखा बयानलेकिन इस खुशखबरी के बीच विधायक केतकी सिंह ने एक ऐसा बयान दे दिया, जिसने सबको हैरान कर दिया। मेडिकल कॉलेज की सौगात मिलने के बाद जहां लोग जश्न मना रहे थे, वहीं केतकी सिंह ने एक अजीब मांग उठा दी। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से कहा कि बलिया में बनने वाले इस मेडिकल कॉलेज में मुस्लिमों की एंट्री पर रोक लगाई जानी चाहिए। यह मांग सुनते ही इलाके में हलचल मच गई। लोग समझ नहीं पा रहे थे कि आखिर यह मांग क्यों की गई। केतकी सिंह बीजेपी की महिला विधायक हैं और उनकी यह बात अब सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रही है। कुछ लोग इसे उनकी निजी सोच मान रहे हैं, तो कुछ इसे राजनीति से जोड़कर देख रहे हैं। इस बयान ने न सिर्फ बलिया, बल्कि पूरे प्रदेश में एक नई बहस छेड़ दी है।
मांग ने मचाया सियासी बवालकेतकी सिंह की इस मांग ने सियासी गलियारों में तूफान ला दिया। जहां एक तरफ बीजेपी सरकार मेडिकल कॉलेज जैसी बड़ी सौगात देकर लोगों का दिल जीत रही थी, वहीं इस बयान ने पार्टी के लिए मुश्किल खड़ी कर दी। विपक्षी दलों ने इसे मौके की तरह लिया और सरकार पर हमला बोलना शुरू कर दिया। उनका कहना था कि यह बयान न सिर्फ भेदभाव को बढ़ावा देता है, बल्कि समाज को बांटने की कोशिश भी करता है। दूसरी ओर, बीजेपी के कुछ नेता इस मांग से किनारा करते नजर आए। उन्होंने कहा कि यह विधायक की निजी राय हो सकती है और पार्टी का इससे कोई लेना-देना नहीं है। लेकिन सोशल मीडिया पर यह मुद्दा गर्माता जा रहा है। लोग तरह-तरह की बातें कर रहे हैं और इस बयान की आलोचना भी हो रही है।
क्या थी विधायक की पूरी बातकेतकी सिंह ने अपनी मांग को और साफ करते हुए कहा कि अगर मुस्लिमों की एंट्री पर रोक नहीं लगाई जा सकती, तो मेडिकल कॉलेज में उनके लिए एक अलग हिस्सा बनाया जाए। उनका कहना था कि इससे हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित होगी। यह बात सुनकर लोग और भी हैरान हो गए। विधायक ने अपने बयान में यह दावा किया कि वह अपने इलाके के लोगों की भावनाओं को सामने रख रही हैं। लेकिन इस बात को लेकर कोई ठोस वजह उन्होंने नहीं बताई कि आखिर ऐसी मांग की जरूरत क्यों पड़ी। उनके इस बयान ने समाज के एक बड़े हिस्से को नाराज कर दिया। लोग सवाल उठा रहे हैं कि मेडिकल कॉलेज जैसी जगह, जो सबके लिए इलाज और पढ़ाई का केंद्र होती है, वहां इस तरह की बात क्यों की जा रही है।
लोगों की मिली-जुली प्रतिक्रियाइस मांग के बाद बलिया में लोगों की प्रतिक्रियाएं भी सामने आईं। कुछ लोग विधायक के समर्थन में बोलते नजर आए। उनका कहना था कि केतकी सिंह ने उनकी भावनाओं को आवाज दी है। लेकिन ज्यादातर लोग इस बात से नाराज दिखे। उनका मानना था कि मेडिकल कॉलेज सबके लिए होना चाहिए, चाहे वह किसी भी धर्म का हो। एक स्थानीय निवासी ने कहा कि इलाज और शिक्षा में धर्म को बीच में लाना गलत है। सोशल मीडिया पर भी यह बहस छिड़ गई। कुछ यूजर्स ने लिखा कि यह बयान सिर्फ सस्ती लोकप्रियता पाने की कोशिश है, जबकि कुछ ने इसे गैर-जिम्मेदाराना बताया। इस घटना ने समाज में एक नई बहस को जन्म दे दिया कि क्या ऐसे बयानों से एकता पर असर पड़ता है।
सरकार और पुलिस की चुप्पीइस बयान के बाद सबकी नजर सरकार और पुलिस पर टिक गई। लोग जानना चाहते थे कि क्या इस मांग पर कोई कार्रवाई होगी। लेकिन अभी तक योगी सरकार की ओर से कोई आधिकारिक जवाब नहीं आया है। पुलिस ने भी इस मामले में चुप्पी साध रखी है। जानकारों का कहना है कि यह मांग कानूनी तौर पर सही नहीं है, क्योंकि देश का संविधान सबको बराबर हक देता है। फिर भी, इस बयान ने सियासी माहौल को गर्म कर दिया है। लोग अब यह देखना चाहते हैं कि क्या बीजेपी इस मामले में अपनी विधायक को कोई जवाब देगी या इसे नजरअंदाज कर देगी। यह मामला अभी खत्म होने वाला नहीं लगता, क्योंकि सोशल मीडिया पर हर पल नई प्रतिक्रियाएं आ रही हैं।
भविष्य पर सवालकेतकी सिंह की इस मांग ने बलिया के मेडिकल कॉलेज के भविष्य पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। जहां लोग इसे अपने जिले के लिए गर्व की बात मान रहे थे, वहीं अब इस बयान ने उस खुशी को थोड़ा फीका कर दिया। लोग सोच रहे हैं कि क्या यह मेडिकल कॉलेज सचमुच सबके लिए होगा या इसे विवादों में घसीटा जाएगा। इस घटना ने यह भी दिखाया कि कैसे एक अच्छी खबर भी विवाद की वजह बन सकती है। अब सबकी नजर इस बात पर है कि सरकार इस मांग को कैसे लेती है और क्या यह मेडिकल कॉलेज अपने असली मकसद को पूरा कर पाएगा। यह वक्त ही बताएगा कि इस कहानी का अंत क्या होगा।