धर्मशाला, 16 मार्च .
विधानसभा उपमुख्य सचेतक केवल सिंह पठानिया ने कहा कि केंद्र सरकार जीसटी मुआवजा सेस प्रदान करने को लेकर हिमाचल के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है. उन्होंने कहा कि जीएसटी मुआवजा से पहले 16 हजार करोड़ रुपए आता था जो जून 2022 में बंद हो गया. यह जीएसटी कंपनसेशन सेस ही पूर्व सरकार को 5 साल के दौरान हर साल 3200 करोड़ रुपए के हिसाब से मिलता रहा है जिससे वह सरकार चली.
पठानिया ने यह बात रविवार को धर्मशाला कॉलेज में ओल्ड स्टूडेंट एसोसिएशन के कार्यक्रम में कही. उन्होंने कहा कि पहले वेट एंड एक्साइज से इकट्ठा 4 हजार करोड़ रुपए मिलता था लेकिन जीसटी के बाद बंद हो गया एवं बद्दी से ही पहले 2500 करोड़ रुपए हिमाचल सरकार को मिलता था जो अब केवल 250 करोड़ मिलता है अर्थात 2250 करोड़ कम आता है. फार्मा हब की वजह से हिमाचल एक प्रोड्यूसर स्टेट है लेकिन कंज्यूमर स्टेट जहां माल बिकता है वो है उत्तर प्रदेश में हिमाचल का माल बिकेगा तो जीएसटी उस स्टेट को मिलेगा ना कि हिमाचल को.
उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार आम लोगों की सरकार है. वर्तमान प्रदेश सरकार सुशासन सुनिश्चित करने के लिए नीतिगत बदलाव कर रही है. उन्होंने कहा कि बदलाव के साथ चुनौतियां भी आ रही हैं लेकिन हर चुनौती का डटकर सामना किया जा रहा है.
उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में विद्यार्थियों को भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार करने के लिए विश्वस्तरीय बुनियादी ढांचा विकसित किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि शाहपुर विधानसभा क्षेत्र में शीघ्र ही राजीव गांधी डे-बोर्डिंग स्कूल भी स्थापित किया जाएगा.
उन्होंने आगे कहा कि प्रदेश सरकार न केवल शिक्षा बल्कि स्वास्थ्य क्षेत्र में भी सुधार कर रही है. पिछले दो वर्षों में भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाकर सरकार ने 2,600 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व अर्जित किया है जिससे प्रदेश की जनता के लिए कल्याणकारी योजनाएं क्रियान्वित की जा रही हैं. उन्होंने कहा कि प्रदेश की आर्थिक स्थिति में सुधार के संकेत नजर आ रहे हैं और इन बदलावों के माध्यम से राज्य सरकार हिमाचल को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में काम कर रही है.
/ सतिंदर धलारिया