ग्रेच्युटी: कर्मचारियों के लिए महत्वपूर्ण जानकारी
Gyanhigyan March 17, 2025 05:42 AM
ग्रेच्युटी का महत्व

ग्रेच्युटी की परिभाषा: किसी भी कर्मचारी को जब वह लगातार पांच साल या उससे अधिक समय तक किसी कंपनी में कार्य करता है, तो उसे ग्रेच्युटी के रूप में एक राशि दी जाती है। यह राशि उस कर्मचारी के लिए एक प्रकार का पुरस्कार होती है। जब कोई व्यक्ति लंबे समय तक एक ही कंपनी में काम करता है, तो उसे ग्रेच्युटी प्राप्त होती है। आज हम ग्रेच्युटी से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण जानकारी साझा करेंगे।


 


ग्रेच्युटी की राशि का निर्धारण


यदि किसी कंपनी में 10 या उससे अधिक कर्मचारी हैं, तो उन्हें ग्रेच्युटी का भुगतान करना अनिवार्य होता है। इसमें सरकारी और निजी दोनों प्रकार की कंपनियाँ शामिल हैं, साथ ही दुकानों और फैक्ट्रियों को भी।


 



 


कंपनी का रजिस्ट्रेशन


ग्रेच्युटी के लिए आवेदन करने से पहले यह सुनिश्चित करें कि आपकी कंपनी ग्रेच्युटी एक्ट के तहत रजिस्टर्ड है या नहीं। यदि कंपनी रजिस्टर्ड है, तो आपको उसके नियमों के अनुसार ग्रेच्युटी मिलेगी। यदि नहीं, तो ग्रेच्युटी का भुगतान कंपनी की इच्छा पर निर्भर करेगा।


 


भारत में ग्रेच्युटी की न्यूनतम सीमा


भारत में ग्रेच्युटी के लिए न्यूनतम कार्यकाल 5 साल निर्धारित किया गया है। यदि कोई कर्मचारी 4 साल और 8 महीने काम करता है, तो उसे 5 साल की ग्रेच्युटी मिलेगी। लेकिन यदि उसने 4 साल और 7 महीने काम किया है, तो उसे ग्रेच्युटी नहीं मिलेगी। इसमें नोटिस पीरियड को भी शामिल किया जाता है।



मृत्यु की स्थिति में नियम


यदि किसी कर्मचारी की मृत्यु उसकी रिटायरमेंट से पहले होती है, तो कंपनी को उसके नॉमिनी को ग्रेच्युटी का भुगतान करना होगा। इस स्थिति में न्यूनतम कार्यकाल का नियम लागू नहीं होता।


ग्रेच्युटी की गणना


ग्रेच्युटी की गणना के लिए एक सूत्र का उपयोग किया जाता है: (अंतिम सैलरी) x (कंपनी में कार्यकाल) x (15/26)। यहाँ महीने में 4 रविवार को वीक ऑफ माना जाता है, इसलिए केवल 26 दिनों को ही शामिल किया जाता है।


ग्रेच्युटी की गणना का उदाहरण


यदि किसी कर्मचारी की अंतिम बेसिक सैलरी 50,000 रुपये है और वह 20 साल तक काम करता है, तो उसकी ग्रेच्युटी होगी: 50,000 x 20 = 10,00,000 रुपये। इसके बाद (बेसिक सैलरी x कार्यकाल) x 15/26 = 10,00,000 x 15/26 = 5,76,923 रुपये।


ध्यान देने योग्य बातें


यह ध्यान रखें कि निजी कंपनियों के कर्मचारियों को सरकारी कर्मचारियों की तरह महंगाई भत्ता नहीं मिलता। इसलिए ग्रेच्युटी की गणना में केवल बेसिक सैलरी का उपयोग किया जाता है। उदाहरण के लिए, यदि अंतिम सैलरी 50,000 रुपये है और बेसिक सैलरी 25,000 रुपये है, तो ग्रेच्युटी की गणना इस प्रकार होगी।


ग्रेच्युटी की गणना का सारांश


अंतिम बेसिक सैलरी: 25,000 रुपये
नौकरी की अवधि: 20 साल
बेसिक सैलरी x नौकरी की अवधि: 25,000 x 20 = 5,00,000
(बेसिक सैलरी x नौकरी की अवधि) x 15/26: 5,00,000 x 15/26 = 2,88,461.53
वर्तमान में कुछ कंपनियाँ अपने कर्मचारियों की ग्रेच्युटी का निर्धारण करती हैं। इस प्रकार, 5 साल या उससे अधिक समय तक काम करने पर कर्मचारियों को ग्रेच्युटी मिलती है।


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