AI नर्सें अमेरिका में मरीजों की देखभाल में नई चुनौतियां पैदा कर रही हैं, इस्तेमाल पर बहस
et March 17, 2025 10:42 AM

अमेरिका के अस्पतालों में नर्सों की कमी बड़ी समस्या बन गई है. इस कमी को पूरा करने के लिए AI का इस्तेमाल बढ़ रहा है. हिप्पोक्रेटिक AI जैसी कंपनियां असिस्टेंट बना रही हैं. ये मरीजों से बात कर सकते हैं और सवालों के जवाब दे सकते हैं. ये असिस्टेंट 24 घंटे कई भाषाओं में उपलब्ध रहते हैं. लेकिन अमेरिका की नर्स यूनियनों को डर है कि AI उनकी जगह ले लेगा. उनका कहना है कि इससे मरीजों की देखभाल की गुणवत्ता पर असर पड़ सकता है. नेशनल नर्सेज यूनाइटेड (NNU) ने इसके खिलाफ आवाज उठाई है. यूनियन की मिशेल महोन कहती हैं कि ये तकनीक नर्सों को हटाने की साजिश है. उन्होंने देश भर में 20 से ज्यादा प्रदर्शन भी किए हैं. दूसरी तरफ, अस्पतालों का कहना है कि AI नर्सों का बोझ कम कर रहा है. ये तकनीक मरीजों की निगरानी और अलर्ट देने में मदद करती है. कई बार AI नर्स के फैसले होते हैं गलतपर कई बार AI से गलत सलाह मिली हैं. नेवादा के नर्स एडम हार्ट ने एक वाकया बताया. AI ने एक मरीज को सेप्सिस का अलर्ट दिया था. प्रोटोकॉल के हिसाब से उन्हें IV फ्लूइड देना था. लेकिन मरीज डायलिसिस पर था, जिसे ज्यादा फ्लूइड खतरनाक था. हार्ट ने सुपरवाइजर से बात की, पर प्रोटोकॉल मानने को कहा गया. बाद में डॉक्टर ने सही फैसला लिया. हार्ट कहते हैं कि AI पर पूरी तरह भरोसा नहीं करना चाहिए. नर्स का दिमाग लगाना जरूरी है.कैलिफोर्निया की कैंसर नर्स मेलिसा बीबी ने भी शिकायत की. उन्हें बार-बार गलत अलर्ट मिलते हैं, जो काम में परेशानी करते हैं. वो कहती हैं कि सही और गलत अलर्ट में फर्क करना मुश्किल है. दूसरी तरफ, कुछ लोग AI को फायदेमंद मानते हैं. ग्रामीण इलाकों में AI से सेवाओं पर जोरस्वास्थ्य सचिव रॉबर्ट एफ. कैनेडी जूनियर का कहना है कि AI नर्स ग्रामीण इलाकों में अच्छी देखभाल दे सकती हैं. डॉ. मेहमेट ओज कहते हैं कि ये कागजी काम से आजादी दिलाएगा. पर लोयोला यूनिवर्सिटी की डीन मिशेल कॉलिन्स की राय अलग है. वो कहती हैं कि AI इंसानी संकेतों को नहीं समझ सकता. मरीजों के चेहरे और भाव को पढ़ना इसके बस की बात नहीं.कोविड-19 के बाद 1 लाख से ज्यादा नर्सों ने नौकरी छोड़ दी. बढ़ती बुजुर्ग आबादी के साथ नर्सों की डिमांड और बढ़ रही है. 2032 तक हर साल 1.9 लाख नई नर्सों की जरूरत होगी. ऐस में अस्पताल AI को बड़ा मौका मान रहे हैं. Xoltar जैसी कंपनियां अवतार बना रही हैं. ये मरीजों से वीडियो कॉल पर बात कर सकते हैं. मेयो क्लिनिक के साथ मिलकर ये पेन मैनेजमेंट सिखा रहे हैं. धूम्रपान छुड़ाने में भी मदद कर रहे हैं. टेस्ट में मरीजों ने इनसे 14 मिनट तक बात की. ये चेहरे के भाव और बॉडी लैंग्वेज समझ सकते हैं.बहरहाल AI के फायदे हैं, जैसे स्टॉप पर काम का बोझ कम करना. लेकिन गलत सलाह और रांग अलर्ट इसकी कमजोरी हैं. कुल मिलाकर बहस चल रही है कि AI नर्सों की मदद करे या उनकी जगह ले. अभी साफ नहीं कि भविष्य में क्या होगा.