हरियाणा में कर्मचारी संघ ने बजट सत्र का आयोजन किया
Gyanhigyan March 18, 2025 12:42 PM
हरियाणा में वेतन आयोग की मांग


  • हरियाणा के लिए अलग वेतन आयोग की आवश्यकता

(Jind News) जींद। हरियाणा सरकार के विधानसभा सत्र के साथ-साथ, कर्मचारी जन असेंबली का आयोजन जिला मुख्यालय के निकट उपायुक्त कार्यालय के पास सर्व कर्मचारी संघ द्वारा किया गया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला प्रधान संजीव ढांडा ने की, जबकि मंच का संचालन राजेश कालीरामणा ने किया। इस दौरान, कर्मचारियों ने अपने प्रस्ताव उपायुक्त के माध्यम से हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी, राज्यपाल, विधानसभा अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष को भेजे।

इस सभा में हरियाणा सरकार की नीतियों पर चर्चा की गई, जिसमें गलत नीतियों की आलोचना की गई और नारेबाजी की गई। कर्मचारियों ने कई मांगें उठाईं, जैसे कि हरियाणा के लिए अलग वेतन आयोग की स्थापना, पांच हजार रुपये की अंतरिम राहत, वेतन विसंगतियों का समाधान, कच्चे कर्मचारियों को स्थायी करना, पुरानी पेंशन योजना को बहाल करना, और खाली पदों को भरने की मांग की।


हरियाणा में खाली पदों की समस्या

मुख्य वक्ता के रूप में बिजली के राज्य प्रधान सुरेश राठी ने कहा कि पिछले 10 वर्षों में हरियाणा की बीजेपी सरकार कर्मचारियों की समस्याओं का समाधान करने में असफल रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार जानबूझकर कर्मचारियों को आम जनता में बदनाम कर रही है। उन्होंने बताया कि हरियाणा में लाखों पद खाली हैं, जिससे युवाओं को रोजगार नहीं मिल रहा और मौजूदा कर्मचारियों पर काम का अतिरिक्त बोझ बढ़ रहा है।

उन्होंने हरियाणा के लिए अलग वेतन आयोग की मांग की, यह कहते हुए कि राज्य की परिस्थितियाँ अन्य राज्यों से भिन्न हैं। उन्होंने यह भी कहा कि कच्चे कर्मचारियों को चुनाव से पहले नौकरी की सुरक्षा का आश्वासन दिया गया था, लेकिन अब उन्हें नौकरी से निकाला जा रहा है।

सरकार की कर्मचारी विरोधी नीतियों के खिलाफ संघ लगातार आंदोलन कर रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार ने कर्मचारियों के स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए आयुष्मान कार्ड और चिरायु कार्ड बनाए, लेकिन अब इन कार्डों से कर्मचारियों को प्राइवेट अस्पतालों में उपचार नहीं मिल रहा है।


सरकार की नीतियों पर सवाल

केंद्रीय वेतन आयोग के अनुसार हाउस रेंट और अन्य भत्तों में वृद्धि नहीं की जा रही है। इस अवसर पर विक्रम संधू, सन्नी पटवारी, मंगतरा, मनदीप, राजेश पूनिया, सुशील ईक्कस, महेंद्र फौजी, विजेंदर शर्मा, संदीप, संदीप गिल, दलेल राणा जैसे कई नेताओं ने अपने विचार साझा किए।


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