Study in UK: हर साल, हजारों भारतीय छात्र बेहतर भविष्य की तलाश में विदेशों में शिक्षा प्राप्त करने जाते हैं। लेकिन क्या यह सपना वास्तव में उतना सुंदर है जितना कि दिखता है? हाल ही में, यूनाइटेड किंगडम (UK) में कंप्यूटर साइंस में पीएचडी कर रहे एक भारतीय छात्र ने अपने अनुभव को रेडिट पर साझा किया। उन्होंने स्पष्ट किया कि UK में अंतर्राष्ट्रीय छात्रों के लिए परिस्थितियाँ बेहद चुनौतीपूर्ण हो गई हैं और जो लोग वहां पढ़ाई करने का विचार कर रहे हैं, उन्हें दो बार सोचना चाहिए।
छात्र ने बताया कि UK में पढ़ाई कर रहे अधिकांश छात्र आर्थिक समस्याओं का सामना कर रहे हैं। अंशकालिक (पार्ट-टाइम) नौकरियों से मिलने वाली आय इतनी कम होती है कि जीवन यापन करना कठिन हो जाता है। कई छात्र अपने खर्चों को पूरा करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं, और इस तनाव के कारण उनकी सेहत भी प्रभावित हो रही है।
एमएससी का 1 साल... और जिंदगी का हाल बेहाल!
छात्र ने लिखा, "मेरे कई दोस्तों ने मास्टर्स पूरा किया और पोस्ट-स्टडी वीजा भी बढ़वाया, लेकिन वे इतने कमजोर हो गए कि उनके बाल झड़ने लगे और उन्हें अंततः भारत लौटना पड़ा।"
महंगा किराया, घटिया खाना और खराब मौसम
UK में छात्रों को उच्च महंगाई, महंगे किराए और खराब मौसम का सामना करना पड़ता है। छात्र ने यह भी उल्लेख किया कि कई बार नस्लवाद (Racism) जैसी घटनाओं का भी सामना करना पड़ता है।
भारत में बीटेक के बराबर, अमेरिका में भी कम वैल्यू
छात्र का कहना है कि UK की एक साल की एमएससी डिग्री को भारत में बीटेक के बराबर या अमेरिका में उससे भी कम माना जाता है। इसका मतलब है कि UK में पढ़ाई पर किया गया निवेश सही रिटर्न नहीं देता। यही कारण है कि 99% छात्र एमएससी पूरी करने के बाद भारत लौट जाते हैं।
शिक्षा नहीं, एजुकेशन एजेंट्स का खेल
रेडिट पोस्ट पर कई अन्य यूजर्स ने भी अपने विचार साझा किए। एक यूजर ने लिखा कि छात्रों को तथाकथित 'शैक्षणिक सलाहकार' (Education Consultants) गुमराह करते हैं, जिनका मुख्य उद्देश्य उन विश्वविद्यालयों में एडमिशन दिलवाना होता है, जहां से उन्हें सबसे अधिक कमीशन मिलता है।
अब कंप्यूटर साइंस का भी बुरा हाल
एक अन्य यूजर ने बताया कि ब्रिटेन का जॉब मार्केट अब पहले जैसा नहीं रहा। उन्होंने सलाह दी कि कंप्यूटर साइंस की पढ़ाई छोड़कर किसी अन्य क्षेत्र में जाना बेहतर होगा।
क्या वाकई विदेश में पढ़ाई सही फैसला है?
इस पोस्ट ने कई छात्रों को सोचने पर मजबूर कर दिया है। यदि आप भी विदेश में पढ़ाई करने का सपना देख रहे हैं, तो केवल ग्लैमर और सपनों की दुनिया को न देखें, बल्कि वास्तविकता को भी समझें। क्या वास्तव में UK में पढ़ाई करना सही निर्णय है या यह केवल एक महंगा जाल बन चुका है?