केंद्र सरकार ने जनवरी में नए वेतन आयोग की स्थापना की घोषणा की थी, और अब इसकी प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जा रहा है। अप्रैल में आयोग का गठन किया जाएगा, जिसके बाद इसकी सिफारिशें सरकार को प्रस्तुत की जाएंगी। उम्मीद है कि 8वां वेतन आयोग 1 जनवरी 2026 से लागू होगा।
इस नए वेतन आयोग के लागू होने पर केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स की सैलरी और भत्तों में भी बदलाव होगा। 8वें वेतन आयोग के तहत महंगाई भत्ते को मूल वेतन में मिलाकर इसे जीरो से फिर से शुरू किया जाएगा, जिससे कर्मचारियों की न्यूनतम बेसिक सैलरी में 1.5 गुना तक वृद्धि हो सकती है।
यदि 8वें वेतन आयोग के लागू होने पर महंगाई भत्ते को मूल वेतन में मिलाया जाता है, तो केंद्रीय कर्मचारियों की नई बेसिक सैलरी निर्धारित की जाएगी। इसके बाद महंगाई भत्ता जीरो से शुरू होगा। जनवरी 2026 में नया वेतन आयोग लागू होने की संभावना है, और तब महंगाई भत्ता जीरो हो सकता है।
सरकार हर छह महीने में महंगाई भत्ते में संशोधन करती है। पहली वृद्धि 1 जनवरी से 30 जून और दूसरी 1 जुलाई से 31 दिसंबर तक होती है। यह वृद्धि अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (AICPI) के आंकड़ों के आधार पर तय होती है।
8वें वेतन आयोग के लागू होने पर यदि महंगाई भत्ता मूल वेतन में मिलाया जाता है, तो कर्मचारियों का कुल वेतन भी बढ़ेगा। उदाहरण के लिए, यदि किसी कर्मचारी की बेसिक सैलरी 18,000 रुपये है और उसे 50 प्रतिशत महंगाई भत्ता मिलता है, तो उसका कुल वेतन 27,000 रुपये तक पहुंच सकता है।
नए वेतन आयोग के लागू होते ही पिछले महंगाई भत्ते को कर्मचारियों की बेसिक सैलरी में मिलाया जाएगा। यह प्रक्रिया पहले भी हो चुकी है, जैसे 2016 में 7वें वेतन आयोग के लागू होने पर।
विशेषज्ञों का मानना है कि नए वेतन आयोग के गठन के बाद इसकी सिफारिशें सरकार को सौंप दी जाएंगी। इसके लागू होने के बाद महंगाई भत्ते को मूल वेतन में मिलाया जा सकता है।
1 जनवरी 2026 से जून 2026 के AICPI के आंकड़ों पर महंगाई भत्ते की वृद्धि निर्भर करेगी। इसके बाद महंगाई भत्ता जीरो किया जाएगा।