Nagpur Violence : कब्र से भी खोदकर निकाला जाएगा पुलिस पर हमला करने वालों को, नागपुर हिंसा पर बोले CM देवेंद्र फडणवीस
Webdunia Hindi March 20, 2025 04:42 AM

Nagpur violence News : महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने नागपुर हिंसा के दोषियों को कड़ी चेतावनी देते हुए बुधवार को कहा कि पुलिस पर हमला करने वालों को ‘कब्र से भी खोदकर निकाला जाएगा’ और कानून के सामने पेश किया जाएगा। फडणवीस की यह प्रतिक्रिया सोमवार रात को हुई हिंसा के दौरान दंगाइयों द्वारा एक महिला कांस्टेबल को कथित रूप से अनुचित तरीके से छूने और उसके कपड़े उतारने की कोशिश करने पर उत्पन्न आक्रोश के बीच आई है।

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33 पुलिसकर्मी हुए थे घायल

नागपुर में हिंसा के दौरान उपद्रवियों ने पत्थर और पेट्रोल बम फेंके, जिसमें उपायुक्त (डीसीपी) रैंक के तीन अधिकारियों सहित 33 पुलिसकर्मी घायल हो गए। फडणवीस ने विधानसभा में गृह विभाग की बजटीय मांगों पर चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि नागपुर में आगजनी के दौरान पुलिस पर हमला करने वालों को उनकी कब्रों से खोदकर निकाल लाया जाएगा। पुलिस पर हमले अक्षम्य हैं। उन्हें सख्त सजा मिलेगी। हम उन्हें नहीं छोड़ेंगे।

उन्होंने दोहराया कि हिंसा और आगजनी सामाजिक सद्भाव को बिगाड़ने के इरादे से पूर्वनियोजित थी। फडणवीस ने स्पष्ट किया कि उनका बयान नागपुर पुलिस आयुक्त के बयान से विरोधाभासी नहीं है। उन्होंने कहा कि नागपुर पुलिस आयुक्त ने कहा है कि जांच से यह पता चलेगा कि हिंसा पूर्व नियोजित थी या नहीं। मैंने कोई विरोधाभासी बात नहीं कही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि नागपुर शहर में स्थिति अब शांतिपूर्ण है। नागपुर के ही रहने वाले फडणवीस ने कहा कि यह शहर शांति और सांप्रदायिक सद्भाव के लिए जाना जाता है।

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1992 के बाद कोई दंगा नहीं हुआ

उन्होंने कहा कि 1992 के बाद शहर में कोई दंगा नहीं हुआ। हिंसा की साजिश कुछ लोगों ने रची थी। केवल औरंगजेब की कब्र की प्रतिकृति जलाई गई (विहिप के विरोध प्रदर्शन के दौरान)। हमने पुष्टि की है कि (कुरान की) कोई आयत नहीं जलाई गई। लेकिन जानबूझकर अफवाहें फैलाई गईं।’’

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मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि जिन लोगों ने जानबूझकर सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने के लिए ऐसी अफवाहें फैलाईं, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि कुछ लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है। मध्य नागपुर के इलाकों में सोमवार रात को भीड़ ने उत्पात मचाया, वाहन क्षतिग्रस्त किए। पुलिस पर पेट्रोल बम और पत्थर फेंके तथा घरों पर हमला किया।

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महिला कांस्टेबल से छेड़खानी

छत्रपति संभाजीनगर जिले में स्थित औरंगजेब की कब्र हटाने के लिए विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) द्वारा किए गए विरोध प्रदर्शन के दौरान पवित्र ‘आयते’ वाली चादर को जलाए जाने की अफवाह, प्रथम दृष्टया हिंसा का कारण प्रतीत होती है। मामले में दर्ज एक प्राथमिकी के मुताबिक हिंसा के दौरान कुछ दंगाइयों ने एक महिला कांस्टेबल को कथित तौर पर अनुचित तरीके से छुआ और उसके कपड़े उतारने की कोशिश की।


औरंगजेब की कब्र को संरक्षित स्मारक सूची से हटाएं

शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) ने महाराष्ट्र में दंगों को रोकने और उन्मादियों के आक्रोश को शांत करने के लिए केंद्र सरकार से राज्य के छत्रपति संभाजीनगर जिले में स्थित औरंगजेब की कब्र को हासिल संरक्षित स्मारक का दर्जा खत्म करने की बुधवार को मांग की। उद्धव ठाकरे नीत शिवसेना (उबाठा) ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ में प्रकाशित संपादकीय में लिखा कि फिल्म ‘छावा’ की रिलीज के बाद से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस), बजरंग दल, विश्व हिंदू परिषद (विहिप) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के ‘नव-हिंदुत्ववादी’ औरंगजेब की कब्र को लेकर माहौल खराब कर रहे हैं।

संपादकीय में लिखा गया है, ‘‘औरंगजेब की कब्र हटाने के लिए यह तमाशा करने की जरूरत नहीं है। औरंगजेब अपनी कब्र में है और वह कभी उठकर बाहर नहीं आएगा।’’ लेख में कहा गया है कि छत्रपति संभाजीनगर (जिसे पहले औरंगाबाद के नाम से जाना जाता था) में औरंगजेब की कब्र की सुरक्षा का जिम्मा फिलहाल राज्य रिजर्व पुलिस बल (एसआरपीएफ) संभाल रहा है, क्योंकि यह भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) द्वारा संरक्षित स्मारक है।

इसमें कहा गया है, “केंद्र को तुरंत यह सुरक्षा हटा देनी चाहिए और कब्र को दिया गया संरक्षित स्मारक का दर्जा वापस ले लेना चाहिए, जिससे यह जमीन मुक्त हो जाएगी तथा तनाव और बढ़ने की गुंजाइश खत्म हो जाएगी। इससे महाराष्ट्र में दंगे रुकेंगे और उन्मादियों का दिमाग भी शांत होगा।’’

यह संपादकीय ऐसे समय में प्रकाशित की गई है, जब एक दिन पहले मंगलवार को पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे ने भाजपा पर ‘‘400 साल पुराना मुद्दा’’ उठाने का आरोप लगाते हुए उसकी आलोचना की थी और कहा था कि सरकार को कब्र हटा देनी चाहिए।

उद्धव ने कहा था कि औरंगजेब की कब्र को तुरंत हटा देना चाहिए, लेकिन ऐसा किए जाने के दौरान बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू को जरूर बुलाया जाना चाहिए।

‘सामना’ में प्रकाशित संपादकीय में आरोप लगाया गया है, ‘‘अब यह स्पष्ट हो गया है कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस औरंगजेब को छत्रपति शिवाजी महाराज से ज्यादा अहमियत देते हैं। छत्रपति शिवाजी महाराज सभी को साथ लेकर चलने में यकीन करते थे, लेकिन भाजपा को यह विचार पहले भी मंजूर नहीं था और अब भी नहीं है।’’

इसमें दावा किया गया है, ‘‘असल में छत्रपति शिवाजी महाराज और छत्रपति संभाजी महाराज कभी भी संघ या भाजपा की विचारधारा के प्रतीक नहीं रहे। इन लोगों का उद्देश्य शिवाजी महाराज और संभाजी महाराज के महत्व को कम करना है।’’

संपादकीय में कहा गया है कि भाजपा का लक्ष्य सबसे पहले औरंगजेब को खत्म करना है, क्योंकि एक बार ‘खलनायक’ खत्म हो गया, तो छत्रपति शिवाजी और छत्रपति संभाजी जैसे नायकों को खत्म करना आसान है। इनपुट भाषा Edited by: Sudhir Sharma

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