ढाका यूनिवर्सिटी के कई शिक्षक कक्षाएं नहीं ले पा रहे हैं क्योंकि उन्हें ऐसा करने से रोक दिया गया है। शेख हसीना सरकार का कथित रूप से समर्थन करने के कारण उनके खिलाफ यह कार्रवाई की गई है।
स्थानीय मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार ने जुलाई के विद्रोह के दौरान पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना का समर्थन करने का आरोप लगाते हुए विभिन्न विभागों के लगभग 50 शिक्षकों को 'अवांछित' घोषित कर दिया।
यूनिवर्सिटी प्रशासन ने इन शिक्षकों को शैक्षणिक गतिविधियों से निलंबित करते हुए 'तथ्य-खोज समितियों' का गठन किया था। हालांकि, कई महीनों के बाद भी, शिक्षक कक्षाओं में वापस नहीं आ पाए।
यूनुस के सत्ता में आने के बाद बांग्लादेश के कई विश्वविद्यालयों में कई शिक्षकों और छात्रों को अंधाधुंध तरीके से निलंबित कर दिया गया है।
सोमवार को एक अलग घटनाक्रम में, ढाका यूनिवर्सिटी के अधिकारियों ने 128 छात्रों को निलंबित कर दिया, उन पर जुलाई के विद्रोह के दौरान प्रदर्शनकारी छात्रों पर हमला करने का आरोप है।
बांग्लादेश के प्रमुख अख़बार प्रोथोम अलो की रिपोर्ट के अनुसार, इनमें से अधिकतर स्टूडेंट बांग्लादेश छात्र लीग (बीसीएल) के सदस्य थे, जो अवामी लीग की छात्र शाखा है।
अंतरिम सरकार ने अक्टूबर 2024 में आतंकवाद विरोधी अधिनियम 2009 के तहत बीसीएल पर प्रतिबंध लगा दिया था। हालांकि यूनुस सरकार ने सत्ता संभालने के बाद पिछले साल 28 अगस्त को कट्टरपंथी इस्लामी पार्टी जमात-ए-इस्लामी और उसके छात्र संगठन इस्लामी छात्र शिबिर पर लगे प्रतिबंध को हटा दिया था।
ट्रंप-पुतिन बातचीत के चंद घंटों बाद यूक्रेन-रूस का एक दूसरे पर हवाई हमले करने का आरोपअमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूसी प्रेसिडेंट व्लादिमीर पुतिन के बीच फोन पर बातचीत के कुछ ही घंटों बाद रूस और यूक्रेन ने एक दूसरे पर ऊर्जा लक्ष्यों को निशाना बनाने का आरोप लगाया। जबकि दोनों ही पक्ष ऊर्जा ढांचे को निशाना न बनाने पर समहत हो गए थे।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिकी और रूसी नेताओं के बीच मंगलवार को हुई टेलीफोन वार्ता में पुतिन ने प्रस्तावित 30 दिवसीय पूर्ण युद्धविराम को अस्वीकार कर दिया, जिसे यूक्रेन स्वीकार कर चुका है।
पुतिन ने कहा कि वह केवल ऊर्जा ढांचे पर हमलों को रोकने पर सहमत हैं। इस प्रस्ताव को यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने तुरंत स्वीकार लिया, हालांकि उन्होंने अधिक व्यापक युद्धविराम को अस्वीकार करने के लिए मास्को की निंदा की।
हालांकि बुधवार को यह छोटा विराम भी सवालों के घेरे में आ गया।
मॉस्को ने कहा कि यूक्रेन ने दक्षिणी रूस में एक तेल पंपिंग स्टेशन पर हमला किया, जबकि कीव ने कहा कि रूस ने अस्पतालों और घरों पर हमला किया और उसके कुछ रेलवे की बिजली काट दी।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक जेलेंस्की ने बुधवार को कहा कि लगातार हो रहे हमलों से पता चलता है कि मॉस्को के शब्द उसके कार्यों से मेल नहीं खाते और रूस अभी भी शांति के लिए तैयार नहीं है। उन्होंने कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका को किसी भी युद्धविराम की निगरानी का प्रभार दिया जाना चाहिए।
फिनलैंड के राष्ट्रपति के साथ हेलसिंकी में एक ब्रीफिंग में उन्होंने कहा, "यदि रूस हमारे प्रतिष्ठानों पर हमला नहीं करेगा, तो हम निश्चित रूप से उनके प्रतिष्ठानों पर हमला नहीं करेंगे।"
हालांकि क्रेमलिन ने कहा कि उसने यूक्रेन के ऊर्जा ढांचे पर योजनाबद्ध हमलों को रोक दिया है, जिसमें यूक्रेन की ओर बढ़ रहे रूस के सात ड्रोन को मार गिराना भी शामिल है। इसने कीव पर अपने हमलों को रोकने में नाकाम रहने का आरोप लगाया।
क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने कहा कि पुतिन और ट्रंप एक-दूसरे को अच्छी तरह समझते हैं और बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हुए संबंधों को बहाल करने के लिए दृढ़ हैं।
जेलेंस्की ट्रंप से करेंगे बात, कहा- अमेरिका को युद्ध विराम पर रखनी चाहिए नजरयूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने कहा कि वह बुधवार को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से बात करेंगे। उन्होंने अमेरिका से यूक्रेन और रूस के बीच युद्ध विराम की निगरानी करने की अपील की।
पिछले महीने व्हाइट हाउस में हुई झड़प के बाद से जेलेंस्की की ट्रंप के साथ यह पहली प्रत्यक्ष बातचीत होगी।
यूक्रेनी नेता ने कहा कि वह पुतिन के साथ ट्रंप की बातचीत के बारे में अधिक जानकारी मांगेंगे। उन्होंने कहा कि यूक्रेन आंशिक युद्धविराम के तकनीकी तत्वों पर अमेरिकी अधिकारियों के साथ बातचीत के नए दौर की तैयारी कर रहा है।
इससे पहले मॉस्को और कीव ने बुधवार को एक-दूसरे पर ऊर्जा ढांचे पर हवाई हमले करने का आरोप लगाया। यह आरोप तब लगे हैं जब दोनों देशों के नेता ऊर्जा ढांचे पर हमलों को रोकने के लिए सीमित युद्ध विराम पर सैद्धांतिक रूप से सहमति जता चुके हैं।
मॉस्को ने कहा कि यूक्रेन ने दक्षिणी रूस में एक तेल पंपिंग स्टेशन पर हमला किया, जबकि कीव ने कहा कि रूस ने अस्पतालों और घरों पर हमला किया और उसके कुछ रेलवे की बिजली काट दी।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक फिनिश राष्ट्रपति अलेक्जेंडर स्टब के साथ हेलसिंकी में एक संयुक्त ब्रीफिंग में जेलेंस्की ने कहा कि पुतिन के शब्द पर्याप्त नहीं थे और यूक्रेन ऊर्जा साइट्स की एक सूची प्रदान करेगा, जिसकी निगरानी में अमेरिका और सहयोगी मदद करेंगे।
जेलेंस्की ने कहा, "मैं वास्तव में नियंत्रण चाहता हूं। लेकिन मेरा मानना है कि इस नियंत्रण का मुख्य एजेंट संयुक्त राज्य अमेरिका होना चाहिए।" उन्होंने यह भी कहा कि कीव युद्ध विराम के लिए प्रतिबद्ध होने के लिए तैयार होगा।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिकी और रूसी नेताओं के बीच मंगलवार को हुई टेलीफोन वार्ता में पुतिन ने प्रस्तावित 30 दिवसीय पूर्ण युद्धविराम को अस्वीकार कर दिया, जिसे यूक्रेन स्वीकार कर चुका है।
पुतिन ने कहा कि वह केवल ऊर्जा ढांचे पर हमलों को रोकने पर सहमत हैं। इस प्रस्ताव को यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने तुरंत स्वीकार लिया, हालांकि उन्होंने अधिक व्यापक युद्धविराम को अस्वीकार करने के लिए मास्को की निंदा की।
भारतीय पासपोर्ट रखने वाले 69 बांग्लादेशी घुसपैठियों के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारीकोलकाता पुलिस ने 69 बांग्लादेशी घुसपैठियों के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया है। इन लोगों ने अलग-अलग समय पर अवैध रूप से देश में प्रवेश करने के बाद नकली दस्तावेज पेश करके भारतीय पासपोर्ट हासिल किए हैं।
लुकआउट नोटिस इस आशंका में जारी किए गए हैं कि ये 69 घुसपैठिए अभी भी देश में, खासकर पश्चिम बंगाल में, छिपकर रह रहे हैं और दूसरे देशों में भाग सकते हैं। यह कदम राज्य में फर्जी पासपोर्ट रैकेट का भंडाफोड़ होने और जांच के दौरान इनकी पहचान उजागर होने के बीच उठाया गया।
देश में आव्रजन, सीमा शुल्क और विभिन्न सीमा सुरक्षा एजेंसियों सहित संबंधित विभागों को सतर्क कर दिया गया है। शहर पुलिस के सूत्रों ने बताया कि एजेंसियों को इन 69 बांग्लादेशी घुसपैठियों का विवरण उपलब्ध कराया गया है।
जांच अधिकारियों को शक है कि ये अवैध बांग्लादेशी घुसपैठिए दो श्रेणियों के हो सकते हैं। पहली श्रेणी में वे लोग शामिल हैं जो मूल रूप से 'आर्थिक शरणार्थी' हैं और भारत आने का उनका इरादा अपनी आजीविका कमाने के लिए रास्ते तलाशना है।
दूसरे वर्ग में वे लोग शामिल हो सकते हैं जिनका संबंध बांग्लादेश से संचालित होने वाले भूमिगत आतंकी समूहों से है और वे पश्चिम बंगाल में स्लीपर सेल स्थापित करने सहित अन्य नापाक इरादों से भारत में घुसे होंगे।
पिछले सप्ताह कोलकाता पुलिस ने पश्चिम बंगाल से संचालित फर्जी भारतीय पासपोर्ट रैकेट के बारे में कोलकाता की एक निचली अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया। आरोप पत्र में कुल 130 व्यक्तियों के नाम हैं, जिनमें से 120 बांग्लादेशी निवासी हैं और शेष भारतीय नागरिक हैं।
बांग्लादेशी नागरिकों के खिलाफ मुख्य आरोप यह है कि उन्होंने जाली दस्तावेज प्रस्तुत करके और भारी धनराशि देकर नकली भारतीय पासपोर्ट बनाए। आरोपी भारतीय नागरिकों के खिलाफ आरोप यह है कि उन्होंने इन अवैध बांग्लादेशी घुसपैठियों के लिए पासपोर्ट सहित नकली भारतीय पहचान दस्तावेजों की व्यवस्था करने में मदद की।
इजरायली हवाई हमले जारी रहने से गाजा में पैदा हो सकती है व्यापक अस्थिरता: यूएईसंयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के विदेश मंत्रालय ने कहा कि गाजा में नागरिक और आवासीय क्षेत्रों पर इजरायली हवाई हमले जारी रहने से क्षेत्र में व्यापक अस्थिरता पैदा हो सकती है और पूरे क्षेत्र में हिंसा बढ़ने का खतरा उत्पन्न हो सकता है।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने आधिकारिक अमीरात समाचार एजेंसी (डब्ल्यूएएम) के हवाले से बताया कि मंत्रालय ने गाजा में और अधिक निर्दोष लोगों की जान जाने से रोकने, मानवीय स्थिति को बिगड़ने से रोकने, नागरिकों को प्रभावित करने वाली दंडात्मक कार्रवाइयों को रोकने और तनाव को बढ़ने से रोकने का आह्वान किया है।
डब्ल्यूएएम की रिपोर्ट के अनुसार, मंत्रालय ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से नए सिरे से युद्धविराम के लिए दबाव बनाने, बिजली की बहाली, क्रॉसिंग्स को फिर से खोलने और गाजा में जरूरतमंद लोगों तक मानवीय सहायता की निरंतर और निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करने का भी आग्रह किया।
मंत्रालय ने शांतिपूर्ण समाधान हासिल करने और नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए वैश्विक प्रयासों का समर्थन करने की यूएई की प्रतिबद्धता को दोहराया।
यूएई के विदेश मंत्रालय का बयान ऐसे समय में आया है जब इजरायल ने मंगलवार सुबह गाजा में बड़े पैमाने पर हवाई हमले किए, जिसमें 400 से अधिक लोग मारे गए थे।
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने बाद में कहा था कि इजरायल गाजा क्षेत्र पर अपने हमले को बढ़ाएगा और अब से गाजा युद्धविराम पर बातचीत केवल हमलों के बीच ही होगी।
इससे पहले संयुक्त राष्ट्र के मानवीय प्रमुख ने गाजा में नए सिरे से युद्धविराम का आग्रह किया था और इजरायल से क्षेत्र में जीवन रक्षक सहायता और वाणिज्यिक आपूर्ति पर लगी रोक हटाने का आह्वान किया था।
संयुक्त राष्ट्र के मानवीय मामलों के अवर महासचिव टॉम फ्लेचर ने ब्रुसेल्स से वीडियो कॉल के माध्यम से सुरक्षा परिषद से कहा था कि रातों-रात हमारी सबसे बुरी आशंकाएं सच साबित हो गईं। पूरे गाजा पट्टी में हवाई हमले फिर से शुरू हो गए। उन्होंने कहा, "इजरायली सेना द्वारा नए निकासी आदेश जारी किए गए हैं और एक बार फिर गाजा के लोग भय में जी रहे हैं।"