कांग्रेस ने लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण देने वाले कानून के क्रियान्वयन के लिए बड़े पैमाने पर प्रदर्शन की योजना बनाई है।
अखिल भारतीय महिला कांग्रेस अध्यक्ष अलका लांबा ने बुधवार को मांग की कि केंद्र की भारतीय जनता पार्टी सरकार इस कानून के क्रियान्वयन की शुरुआत बिहार से करे। उन्होंने कहा कि महिला आरक्षण कानून को लागू करने में विफलता की सूरत में बिहार और अन्य राज्यों में महिला कार्यकर्ता सड़कों पर उतर आएंगी।
महिला आरक्षण कानून लाने के पीछे राजनीतिक मकसद होने का आरोप लगाते हुए लांबा ने कहा कि इसे लागू करने में देरी भारत की महिलाओं के साथ विश्वासघात करने के समान है।उन्होंने कहा, ‘‘वर्ष 2014 से बीजेपी की पूर्ण बहुमत वाली सरकार है, लेकिन महिला आरक्षण विधेयक 2024 के चुनाव से ठीक पहले पारित किया गया। इसे लागू क्यों नहीं किया जा रहा है? यह मोदीजी से हमारा अगला सवाल है।’’
गीता पटेल के औपचारिक रूप से गुजरात प्रदेश महिला कांग्रेस की कमान संभालने के बाद मीडिया से मुखातिब लांबा ने सवाल किया, ‘‘भारत की आधी आबादी का प्रतिनिधित्व करने वाली महिलाओं को विधानसभा और लोकसभा में प्रतिनिधित्व के उनके अधिकारों से क्यों वंचित रखा जाता है?’’
उन्होंने कहा कि महिला कांग्रेस ने 10 मार्च को संसद का घेराव किया था और चालू सत्र में महिला आरक्षण कानून पर चर्चा तथा इसके क्रियान्वयन की मांग की थी।ं
लांबा ने कहा, ‘‘अगर यह कानून लागू नहीं हुआ, तो महिला कांग्रेस कार्यकर्ता हर जिले में सड़कों पर उतरकर अपने अधिकारों की लड़ाई लड़ेंगी। इस दिशा में पहला राज्य बिहार होगा, जहां 2025 में विधानसभा चुनाव होने हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘अगर केंद्र की बीजेपी सरकार की मंशा सही है, तो उसे महिला आरक्षण कानून लागू करना चाहिए और इसकी शुरुआत बिहार से करनी चाहिए।’’
लांबा ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार महिला आरक्षण कानून को लागू करने का इरादा नहीं रखती है। उन्होंने कहा कि महिला कांग्रेस ने महिला अधिकारों की लड़ाई देश के हर जिले में लड़ने का फैसला किया है।
आधिकारिक तौर पर संविधान (106वां संशोधन) अधिनियम के तौर पर जाने जाने वाले महिला आरक्षण विधेयक को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा सितंबर 2023 में मंजूरी दे दी थी।
इस साल फरवरी में हुए दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस अपना खाता भी नहीं खोल पाई थी। वहीं, नवंबर 2024 में संपन्न महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ने वाली कांग्रेस महज 16 सीट हासिल कर पाई थी।
लांबा ने कहा कि गुजरात कांग्रेस की महिला शाखा जल्द ही गीता पटेल के नेतृत्व में राज्य में भाजपा सरकार को घेरने के लिए एक रूपरेखा तैयार करेगी।
उन्होंने आरोप लगाया कि गुजरात में भाजपा सरकार महिलाओं की सुरक्षा और वित्तीय सहायता सुनिश्चित करने सहित सभी मामलों में विफल रही है।
लांबा ने दावा किया कि गुजरात में कानून-व्यवस्था चरमरा गई है। उन्होंने कहा, ‘‘राज्य में भाजपा की ‘डबल इंजन’ सरकार एक ‘ट्रबल इंजन’ सरकार बन गई है। यह इंजन कभी भी बंद हो जाएगा, और गुजरात के लोग इसे रोक देंगे।’’
लांबा ने गुजरात की भाजपा सरकार पर बलात्कार के आरोपी विधायक गजेंद्र सिंह परमार को बचाने का आरोप लगाया।
लांबा ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी महंगाई, बेरोजगारी, महिला सुरक्षा और किसानों को उचित फसल मूल्य जैसे ज्वलंत मुद्दों पर संसद में चुप रहते हैं। उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘उन्होंने (मोदी) अशांत मणिपुर का दौरा नहीं किया, बल्कि संसद सत्र के बीच में मॉरीशस की यात्रा पर चले गए।’’