ग्रेच्युटी की सीमा: कर्मचारियों को एक निश्चित अवधि के बाद ग्रेच्युटी मिलती है, लेकिन कई लोग इसके नियमों से अनजान होते हैं। यह जानना आवश्यक है कि ग्रेच्युटी कब और कैसे मिलती है। इस लेख में हम ग्रेच्युटी के नए नियमों पर चर्चा करेंगे।
ग्रेच्युटी कब मिलती है:
कर्मचारियों को किसी कंपनी में 5 साल काम करने की आवश्यकता नहीं होती। यदि कोई कर्मचारी 4 साल और 240 दिन से अधिक समय तक कार्यरत रहता है, तो वह ग्रेच्युटी का हकदार होता है।
उदाहरण:
मान लीजिए, एक कर्मचारी 1 जनवरी, 2021 को किसी कंपनी में शामिल होता है और 29 अगस्त, 2025 को नौकरी छोड़ता है। इस स्थिति में, वह ग्रेच्युटी का हकदार होगा क्योंकि उसने 4 साल और 240 दिन की सेवा पूरी कर ली है। इसके बाद, उसे दूसरी कंपनी में शामिल होने के लिए 1 जनवरी, 2026 तक 5 साल का इंतजार नहीं करना पड़ेगा।
ग्रेच्युटी नहीं मिलने की स्थिति:
रिपोर्ट के अनुसार, कर्मचारियों को ध्यान रखना चाहिए कि उनकी सेवा अवधि 4 साल और 8 महीने होनी चाहिए। यदि कोई कर्मचारी 4 साल 240 दिनों से कम समय तक काम करता है, तो उसे ग्रेच्युटी नहीं मिलेगी। हालांकि, यदि कर्मचारी की मृत्यु हो जाती है या वह विकलांग हो जाता है, तो 5 साल की सेवा की आवश्यकता नहीं होती।
ग्रेच्युटी की परिभाषा:
पेमेंट ऑफ ग्रेच्युटी एक्ट के अनुसार, ग्रेच्युटी वह राशि है जो किसी कर्मचारी को उसके कार्य के लिए कंपनी द्वारा दी जाती है। यह राशि कर्मचारी के वेतन, महंगाई भत्ते और कमीशन को मिलाकर बनाई जाती है। लाभ प्राप्त करने के लिए कर्मचारियों को कम से कम 5 साल या 4 साल 240 दिन उसी कंपनी में काम करना आवश्यक है।