विधानसभा में रो पड़े मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल, कांग्रेस विधायक के बेटे पर फर्जी केस के सवाल पर याद आई आपबीती!
Webdunia Hindi March 21, 2025 09:42 PM


भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा में शुक्रवार को मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल रो पड़े। पूरा मामला प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस के सीनियर विधायक अभय मिश्रा के सवाल से जुड़ा था जिसमें उन्होंने अपने और बेटे के उपर गलत तरीके से केस दर्जन होने का मुद्दा उठाया था। इसक जवाब देते हुए मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल खुद अपने बेटे के उपर भोपाल में केस दर्ज होने को लेकर भावुक हो गए।

विधानसभा में सेमरिया से कांग्रेस विधायक विधायक अभय मिश्रा ने प्रभारी टीआई पर खुद पर और बेटे पर गलत एफआईआर दर्ज करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि उनका चुनाव लड़ना अपराध हो गया है और थाना चोरहटा में उनके उपर और बेटे के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। कांग्रेस विधायक अभय मिश्रा के समर्थन में पार्टी के सीनियर विधायक अजय सिंह समेत अन्य विधायक भी आ गए और पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग करने लगे। पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने कहा कि विधायकों पर एफआईआर दर्ज हो रही है, पुलिस तानाशाही पर उतारू है और मंत्री जी कह रहे हैं कि पुलिस का मनोबल बना रहे। पुलिस का व्यवहार जनता के प्रति दुर्व्यवहार में बदल गया है, गृह विभाग मुख्यमंत्री के पास है, मुख्यमंत्री को जवाब देना चाहिए लेकिन मुख्यमंत्री एक दिन भी जवाब देने सदन में नहीं आए, बेचारे नरेंद्र शिवाजी पटेल को जवाब देना पड़ रहा है।

इस पर विधानसभा में गृह विभाग के अधिकृत मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल ने कहा कि पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच कराने के साथ दोषी पाए जाने पर अधिकारियों पर कार्रवाई की बात कही है। हलांकि उन्होंने थाना प्रभारी अविनाश पाड़े को निलंबित करने की भी बात कही। इस दौरान मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल भावकु हो गए। गौरतलब है कि मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल के बेटे के खिलाफ भोपाल की शाहपुरा थाने में मारपीट के मामले में केस दर्ज है।

वहीं मीडिया से बात करते हुए कांग्रेस विधायक अभय मिश्रा ने कहा दो महीने पहले मंत्री के बेटे के उपर एफआईआर की गई है और मंत्री रहते कोई कुछ नहीं कर पाए। वहीं अभय मिश्रा ने कहा कोई मंत्री हो या संतरी सबसे अंदर दिल धड़कता है। मध्यप्रदेश में 20 साल में अधिकारी बेलगाम हो गए है और उनका राज चल रहा है। आज एक विधायक डरा-डरा घूमता है, किसी को कहां फंसाया जाता है। आज अधिकारी जो कहे थे वहीं सहीं है, चाहे विधायक सत्ता पक्ष का हो या विपक्ष।

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