रिफाइंड तेल: भारत में स्वास्थ्य के लिए खतरा
Gyanhigyan March 23, 2025 05:42 AM
रिफाइंड तेल का खतरनाक प्रभाव

आप सभी खाना बनाते समय तेल का उपयोग करते हैं, क्योंकि बिना तेल के पकवान का कोई महत्व नहीं होता। लगभग हर प्रकार के भोजन में तेल का होना आवश्यक है।


हालांकि, आज हम आपको एक ऐसे तेल के बारे में बताएंगे, जिसके सेवन से हजारों लोगों की जान चली गई।


केरल आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय के अनुसंधान केंद्र के अनुसार, रिफाइंड तेल हर साल 20 लाख लोगों की मौत का कारण बनता है।


रिफाइंड तेल के सेवन से कई स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न होती हैं, जैसे डीएनए क्षति, आरएनए का नाश, दिल का दौरा, दिल की रुकावट, मस्तिष्क क्षति, लकवा, मधुमेह, उच्च रक्तचाप, नपुंसकता, कैंसर, हड्डियों की कमजोरी, जोड़ों में दर्द, कमर दर्द, किडनी क्षति, जिगर की खराबी, कोलेस्ट्रॉल में वृद्धि, दृष्टि हानि, प्रदर रोग, बांझपन, पाइल्स, और त्वचा रोग।


रिफाइंड तेल कैसे बनाया जाता है?


बीजों से तेल निकालने की प्रक्रिया में, छिलके सहित बीजों का उपयोग किया जाता है। इस प्रक्रिया में जो अशुद्धियाँ आती हैं, उन्हें साफ करके तेल को स्वाद, गंध और रंग रहित करने के लिए रिफाइन किया जाता है।


वाशिंग प्रक्रिया में पानी, नमक, कास्टिक सोडा, गंधक, पोटेशियम, तेजाब और अन्य खतरनाक एसिड का उपयोग किया जाता है, ताकि अशुद्धियाँ बाहर निकल जाएं। इस प्रक्रिया में तारकोल जैसा गाढ़ा अपशिष्ट निकलता है, जिसका उपयोग टायर बनाने में किया जाता है। यह तेल एसिड के कारण विषाक्त हो जाता है।


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