दूसरे शहरों में रहने के लिए किराए के घर की तलाश करना एक चुनौतीपूर्ण कार्य हो सकता है। सही स्थान, सुविधाएं और बजट के अनुसार घर खोजना आसान नहीं होता। इसलिए, जब लोग किराए पर घर लेने का निर्णय लेते हैं, तो उन्हें कई बातों का ध्यान रखना चाहिए। आज हम आपको बताएंगे कि किराए पर घर लेते समय किन तीन महत्वपूर्ण बातों पर ध्यान देना चाहिए, ताकि भविष्य में किसी भी समस्या से बचा जा सके।
रेंट एग्रीमेंट बनवाना न भूलें
किराए पर घर लेते समय रेंट एग्रीमेंट बनवाना आवश्यक है। भारत के कई शहरों में यह कानूनी रूप से अनिवार्य हो गया है। फिर भी, कई लोग बिना रेंट एग्रीमेंट के घर ले लेते हैं, जिससे उन्हें बाद में समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। आमतौर पर, रेंट एग्रीमेंट 11 महीनों के लिए बनाया जाता है और यह एक कानूनी दस्तावेज होता है। इसमें दोनों पक्षों के लिए शर्तें होती हैं, जिन्हें मानना आवश्यक है। रेंट एग्रीमेंट की अवधि के दौरान मकान मालिक किराएदार को घर खाली करने के लिए नहीं कह सकता। यदि किसी विवाद की स्थिति उत्पन्न होती है, तो यह दस्तावेज अदालत में भी उपयोगी होता है।
सिक्योरिटी मनी
किराए पर घर लेते समय सिक्योरिटी मनी का भुगतान करना आवश्यक होता है। कई बार मकान मालिक मनमाने तरीके से अधिक राशि मांग लेते हैं, जो किराएदारों के लिए मुश्किल हो सकती है। रेंट कंट्रोल एक्ट के अनुसार, मकान मालिक किराएदार से दो महीने के किराए से अधिक सिक्योरिटी मनी नहीं मांग सकते। इसलिए, यह सुनिश्चित करें कि आपको कितनी सिक्योरिटी मनी देनी है।
मेंटेनेंस चार्ज
किराए पर रहने के दौरान मेंटेनेंस चार्ज का भुगतान भी करना होता है। विभिन्न स्थानों पर इसके अलग-अलग दर होते हैं। इसके अलावा, मकान मालिक द्वारा प्रदान की गई सुविधाओं जैसे पंखा, लाइट, फ्रिज और एसी की मरम्मत की जिम्मेदारी भी स्पष्ट होनी चाहिए। यदि घर में कोई टूट-फूट होती है, तो उसके लिए आपको कितना खर्च करना होगा, यह भी पहले से जान लेना चाहिए।