अमेरिका की एयरोस्पेस कंपनी जनरल इलेक्ट्रिक (GE) ने घोषणा की है कि वह मार्च के अंत तक तेजस Mk1A के लिए पहले 99 अनुबंधित F-404 इंजनों में से पहला इंजन भारत को सौंपने के लिए तैयार है। 2021 में हुए इस $716 मिलियन के अनुबंध में दो वर्षों की देरी हो चुकी है, जिससे भारतीय वायुसेना (IAF) के बीच समय पर डिलीवरी को लेकर चिंता थी।
इंजन का परीक्षण और हैंडओवर प्रक्रियास्रोतों के अनुसार, पहला इंजन वर्तमान में परीक्षण के दौर से गुजर रहा है और मार्च के अंत तक हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) को सौंपा जाएगा। इस अनुबंध के तहत, 2025 में 12 इंजन की डिलीवरी तय की गई है, उसके बाद हर साल 20 इंजन डिलीवर किए जाएंगे, जब तक पूरा आदेश पूरा नहीं हो जाता। ये इंजन भारत के हल्के लड़ाकू विमान (LCA) के उन्नत संस्करण तेजस Mk 1A को शक्ति प्रदान करेंगे, जो भारतीय वायुसेना के बेड़े के आधुनिकीकरण के लिए महत्वपूर्ण है।
GE-414 इंजन पर HAL और GE की साझेदारीइसके साथ ही, HAL और GE भारत में GE-414 इंजन का निर्माण करने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं। यह साझेदारी प्रौद्योगिकी हस्तांतरण समझौते के तहत की जा रही है और यह भारत-अमेरिका की क्रिटिकल और इमर्जिंग टेक्नोलॉजीज (iCET) पहल का हिस्सा है। GE-414 इंजन भारत के महत्वाकांक्षी पांचवी पीढ़ी के एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (AMCA) को शक्ति प्रदान करेगा, जिसका विकास रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) द्वारा किया जा रहा है।
लड़ाकू विमान निर्माण में निजी क्षेत्र की भागीदारी पर जोरजिन 83 LCA Mk 1A विमानों की डिलीवरी HAL द्वारा की जानी है, उनकी डिलीवरी में देरी को लेकर भारतीय वायुसेना के नेतृत्व से चिंता व्यक्त की गई है। इस संदर्भ में, रक्षा सचिव आर.के. सिंह के मार्गदर्शन में रक्षा मंत्रालय ने एक समिति का गठन किया है, जो AMCA कार्यक्रम के लिए वैकल्पिक व्यावासिक मॉडल का अध्ययन करेगी। यह समिति तकनीकी पहलुओं का मूल्यांकन नहीं करेगी, बल्कि लड़ाकू विमान निर्माण में निजी क्षेत्र की भागीदारी बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करेगी ताकि HAL पर निर्भरता कम हो सके और भारत की रक्षा उद्योग के लिए प्रतिस्पर्धात्मक पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण हो सके।
भारत का अगला लड़ाकू विमान और आत्मनिर्भरता की दिशाइस बीच, भारत अपने अगली पीढ़ी के लड़ाकू विमान के विकल्पों पर भी विचार कर रहा है। पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत को F-35 लड़ाकू विमान की पेशकश की थी, लेकिन भारत इसी समय राफेल लड़ाकू विमान और M-88 इंजन के निर्माण के लिए ‘आत्मनिर्भर भारत’ पहल के तहत भारत में निर्माण की संभावना का भी मूल्यांकन कर रहा है। रक्षा निर्माण में आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ता भारत, अपनी दीर्घकालिक सुरक्षा रणनीति में इस पहल को अहम मानता है।
F-404 इंजन की सफल डिलीवरी से तेजस कार्यक्रम को मिलेगा मजबूत समर्थनF-404 इंजनों की सफल डिलीवरी तेजस कार्यक्रम को मजबूत बनाएगी, जिससे भारतीय वायुसेना को अपनी ऑपरेशनल क्षमताओं को बढ़ाने के लिए जरूरी ताकत मिलेगी। इसके साथ ही GE-414 इंजन पर भारत और GE की साझेदारी और स्वदेशी लड़ाकू विमान निर्माण की दिशा में भारत की प्रतिबद्धता इस क्षेत्र में देश की क्षमता को और मजबूती देगी।
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