हाई ब्लड प्रेशर: कई बार उच्च रक्तचाप के कारण ब्रेन हेमरेज हो सकता है, जिससे व्यक्ति की जान को खतरा होता है। इसे एक प्रकार के स्ट्रोक के रूप में देखा जा सकता है, जिसमें मस्तिष्क के अंदर रक्तस्राव होता है। उच्च रक्तचाप के चलते हाइपरटेंशन का भी खतरा बढ़ता है, जो रक्त वाहिकाओं को धीरे-धीरे कमजोर कर सकता है। यदि किसी का रक्तचाप लगातार ऊँचा रहता है, तो यह रक्त वाहिकाओं पर अतिरिक्त दबाव डालता है।
ब्रेन हेमरेज के 95 प्रतिशत मामलों में उच्च रक्तचाप मुख्य कारण होता है। इसलिए, नियमित रूप से रक्तचाप की जांच कराना आवश्यक है। अत्यधिक उच्च रक्तचाप स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा बन सकता है। 40 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्तियों को रक्तचाप की जांच अवश्य करानी चाहिए, क्योंकि यदि रक्तचाप के साथ कोलेस्ट्रॉल और शुगर का स्तर भी बढ़ जाए, तो यह जोखिम को और बढ़ा सकता है। उच्च रक्तचाप दिल, मस्तिष्क, किडनी और आंखों को नुकसान पहुंचा सकता है। चिकित्सक अक्सर इसे 'साइलेंट किलर' के रूप में मानते हैं।
कुछ जड़ी-बूटियाँ शक्तिशाली फाइटोकेमिकल्स से भरपूर होती हैं, जो हृदय स्वास्थ्य को सुधारने और तंत्रिका तंत्र को शांत करने में मदद करती हैं। नेशनल सेंटर फॉर कॉम्प्लिमेंट्री एंड इंटीग्रेटिव हेल्थ प्राकृतिक रूप से रक्तचाप को कम करने के लिए लहसुन, अदरक और गुड़हल के फूलों का सेवन करने की सलाह देता है। कई अध्ययनों ने यह साबित किया है कि लहसुन में एलिसिन, अदरक में जिंजरोल और गुड़हल के फूलों में पॉलीफेनोल जैसे यौगिक रक्त वाहिकाओं को आराम देते हैं और रक्तचाप को सामान्य करते हैं।