आजकल, भूमि और संपत्ति से जुड़े विवाद आम हो गए हैं। अक्सर भाई-भाई, बहन-भाई और पिता-पुत्र के बीच संपत्ति को लेकर झगड़े होते हैं। ऐसे विवाद जटिल होते हैं और इनमें छोटी-सी गलती से स्थिति बिगड़ सकती है। अक्सर यह सवाल उठता है कि संबंधित संपत्ति पर अधिकार किसका होगा?
कई बार देखा गया है कि जमीन पिता के नाम पर होती है, और बेटा या बेटी उस पर घर बना लेते हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि मकान पर मालिकाना हक किसका होगा? संपत्ति मामलों के विशेषज्ञ प्रदीप मिश्रा के अनुसार, यदि जमीन किसी के नाम पर है, तो कोई अन्य व्यक्ति उस पर निर्माण नहीं कर सकता। इसका मतलब है कि यदि जमीन पिता के नाम पर है, तो उस पर बने मकान का मालिकाना हक भी पिता का ही रहेगा।
कानून के अनुसार, यदि बेटे ने उस जमीन पर मकान बनाने के लिए पैसे खर्च किए हैं, तो वह उन खर्चों का दावा कर सकता है। हालांकि, पिता के जीवित रहते उस मकान पर कोई और दावा नहीं कर सकता। यदि जमीन की रजिस्ट्री पिता के नाम पर है, तो मकान कानूनी रूप से पिता का ही होगा। लेकिन बेटे द्वारा खर्च किए गए पैसे के लिए वह दावा कर सकता है।
यदि इस तरह का विवाद उत्पन्न होता है, तो इससे बचना आवश्यक है। पिता और बेटे के बीच एक अनुबंध किया जा सकता है। यदि जमीन जिस पर मकान बनाना है, उसके मालिक और निर्माण करने वाले के बीच एक अनुबंध हो, तो भविष्य में विवाद नहीं होगा। इस अनुबंध के तहत बेटे को मकान बनाने का अधिकार मिलेगा, लेकिन मालिकाना हक पिता के पास ही रहेगा।