किसी भी महिला के लिए मातृत्व का अनुभव सबसे सुखद होता है। गर्भावस्था के दौरान महिलाओं का विशेष ध्यान रखा जाता है ताकि मां और बच्चा दोनों स्वस्थ रहें। हालांकि, नागपुर से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है। डिलीवरी के समय महिलाओं को अक्सर अत्यधिक दर्द का सामना करना पड़ता है, लेकिन नागपुर में एक महिला को अस्पताल में अकेला छोड़ दिया गया, जिससे मानवता को शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा। आइए जानते हैं इस घटना के बारे में विस्तार से।
नागपुर में एक महिला डिलीवरी के लिए अस्पताल गई, लेकिन जब उसे लेबर पेन शुरू हुआ, तो वहां कोई भी मौजूद नहीं था। नतीजतन, महिला को अपनी डिलीवरी खुद करनी पड़ी। दर्द से कराहती महिला ने अपने बच्चे को जन्म दिया, लेकिन अस्पताल का कोई भी कर्मचारी उसकी मदद के लिए नहीं आया। महिला ने मीडिया से बातचीत में कहा कि उसकी मदद के लिए कोई नहीं आया, जिसके कारण उसे खुद ही डिलीवरी करनी पड़ी। यह महिला सुकेश्नी हैं, जो दक्षिण नागपुर के हुदकेश्वर क्षेत्र की निवासी हैं।
महिला ने बताया कि सोमवार की शाम उसे लेबर पेन हुआ, जिसके बाद उसे सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया। बेड की कमी के कारण उसे जमीन पर लिटा दिया गया। जब आधी रात को उसे फिर से लेबर पेन हुआ, तो उसने मदद के लिए पुकार लगाई, लेकिन कोई भी उसकी सहायता के लिए नहीं आया। इस घटना ने मानवता को शर्मसार कर दिया है।
महिला के परिजनों ने अस्पताल में शिकायत की, जिसके बाद उसे एक बेड मिला। लेकिन फिर भी रात में कोई डॉक्टर या नर्स उसकी मदद के लिए नहीं आया। यह अस्पताल की लापरवाही के रूप में देखा जा रहा है। भारत सरकार ने सरकारी अस्पतालों में महिलाओं की डिलीवरी मुफ्त और सुविधाजनक तरीके से कराने का आदेश दिया है।
महिला के पति ने अस्पताल प्रशासन के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है, जिसमें उन्होंने लापरवाही का आरोप लगाया है। प्रशासन ने इस मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति का गठन किया है। अस्पताल प्रशासन ने इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई का आश्वासन दिया है। इस तरह की लापरवाही से मां और बच्चे दोनों की जान को खतरा हो सकता है।