आचार्य चाणक्य, जो आचार्य श्री चणक के शिष्य रहे, ने अपने ज्ञान से समाज के विभिन्न पहलुओं पर गहन अध्ययन किया। उनके द्वारा बताई गई बातें आज भी लोगों के लिए अत्यंत उपयोगी हैं। चाणक्य ने सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक जीवन की जटिलताओं को समझा और उन पर विचार किए।
चाणक्य, जो चन्द्रगुप्त मौर्य के महामंत्री थे, भारतीय इतिहास में एक महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं। उनके विचार आज के संदर्भ में भी प्रासंगिक हैं। उन्होंने बताया कि कुछ लोग काले और जहरीले नागों से भी अधिक खतरनाक होते हैं। चाणक्य नीति में ऐसे व्यक्तियों से दूर रहने की सलाह दी गई है ताकि किसी को नुकसान न पहुंचे।
चाणक्य ने अपने अनुभवों के आधार पर कहा है कि, "काले मन वाला व्यक्ति काले नाग से भी बुरा होता है।" इसका अर्थ है कि जो व्यक्ति मन में बुराई रखता है, वह अत्यंत हानिकारक होता है।
चाणक्य ने ऐसे लोगों को काले मन वाला बताया है जो दोहरे व्यक्तित्व के साथ जीते हैं। ये लोग सामने कुछ और कहते हैं और पीछे कुछ और। ऐसे व्यक्तियों से हमेशा सावधान रहना चाहिए।
चाणक्य ने कहा कि काला नाग तब ही हमला करता है जब उसे छेड़ा जाए, जबकि काले मन वाले लोग बिना किसी कारण के ही दूसरों का जीवन बर्बाद कर सकते हैं।
चाणक्य ने यह भी कहा कि जो लोग बहुत मीठी बातें करते हैं, उनसे भी बचकर रहना चाहिए। ये लोग दूसरों के बीच जहर घोलने का काम करते हैं।