श्रीनगर में वीरवार को दोपहर के समय भूकंप के तीव्र झटके महसूस किए गए। इस घटना में किसी प्रकार का जानी या माली नुकसान नहीं हुआ, लेकिन लोगों में भय का माहौल बन गया। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 5.2 मापी गई।
भूकंप के झटके गुरुवार को दोपहर 1:58 बजे महसूस किए गए। जैसे ही लोगों ने झटके अनुभव किए, वे डर के मारे अपने घरों और कार्यस्थलों से बाहर निकलकर सुरक्षित स्थानों की ओर दौड़ पड़े। जब जमीन की हलचल थमी, तो लोगों ने राहत की सांस ली और फिर से अपने घरों और काम पर लौट गए।
भूकंप के दृष्टिकोण से घाटी संवेदनशील मानी जाती है। इसका केंद्र अफगानिस्तान की हिंदुकुश पहाड़ियों में था। घाटी को सीज्मिक जोन-5 में रखा गया है, और 2005 में आए भूकंप में सैकड़ों लोगों की जान गई थी और हजारों इमारतें नष्ट हो गई थीं।
इससे पहले, होली के दिन लद्दाख के कारगिल में भी 5.2 तीव्रता का भूकंप आया था, जिसके झटके जम्मू-कश्मीर में भी महसूस किए गए थे। यह भूकंप सुबह 15 किलोमीटर की गहराई पर आया था।
जम्मू-श्रीनगर में कई सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं ने बताया कि उन्होंने शहरों में झटके महसूस किए। लेह और लद्दाख दोनों ही भूकंपीय क्षेत्र-IV में आते हैं, जो भूकंप के लिहाज से उच्च जोखिम में हैं। टेक्टोनिक रूप से सक्रिय हिमालय क्षेत्र में होने के कारण, लेह और लद्दाख में अक्सर भूकंप आते रहते हैं।