आजकल लोगों की जीवनशैली तेजी से बदल रही है। पहले जहां केवल दो वक्त की रोटी की आवश्यकता थी, वहीं अब यह रोटी, कपड़ा और मकान के साथ-साथ गाड़ी, पैसा और आराम में बदल गई है। इस बदलाव के साथ ही तनाव और उससे जुड़ी बीमारियों का भी बढ़ता चलन देखने को मिल रहा है। आज हम एक आम लेकिन गंभीर बीमारी, उच्च रक्तचाप, के बारे में चर्चा करेंगे।
आपको जानकर हैरानी होगी कि हर साल देश में लगभग 16 लाख लोग उच्च रक्तचाप के कारण अपनी जान गंवा देते हैं। बहुत से लोगों को यह गलतफहमी होती है कि उच्च रक्तचाप केवल दिल की बीमारियों का कारण बनता है। लेकिन सच्चाई यह है कि यह मस्तिष्क में स्ट्रोक और शरीर के अन्य हिस्सों पर भी नकारात्मक प्रभाव डालता है। रक्त का अधिक प्रवाह ग्लूकोमा और रेटिनोपैथी जैसी समस्याओं का खतरा बढ़ा सकता है, जिससे दृष्टि भी प्रभावित हो सकती है।
उच्च रक्तचाप से यौन स्वास्थ्य पर भी असर पड़ता है। चिकित्सकों के अनुसार, जब रक्तचाप बढ़ता है, तो शरीर में कैल्शियम की कमी होने लगती है, जिससे हड्डियाँ कमजोर हो जाती हैं। इसलिए, अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। यदि समय पर रक्तचाप को नियंत्रित नहीं किया गया, तो गंभीर परिणाम हो सकते हैं।
यदि आपका रक्तचाप अधिक है, तो खट्टे फलों जैसे संतरे, नींबू और अंगूर का सेवन करें। इनमें ऐसे पोषक तत्व होते हैं जो हृदय को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं। नींबू पानी इस समस्या के लिए एक प्रभावी उपाय हो सकता है। इसके अलावा, कद्दू के बीजों का सेवन भी लाभकारी है, क्योंकि इनमें मैग्नीशियम, पोटेशियम, आर्जेनीन और अमीनो एसिड प्रचुर मात्रा में होते हैं।
दालें और फलियां भी उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने में सहायक होती हैं। इनमें फाइबर, मैग्नीशियम और पोटेशियम होते हैं, जो रक्तचाप को कम करने में मदद करते हैं। गाजर और गाजर का जूस भी इस समस्या में प्रभावी साबित होता है। गाजर में फिनोलिक यौगिक होते हैं, जो धमनियों की सूजन को कम करते हैं, जिससे रक्तचाप नियंत्रित रहता है।
इसके अलावा, टमाटर, जो कि एक सस्ती सब्जी है, का भी उपयोग किया जा सकता है। टमाटर पर किए गए 21 विभिन्न शोधों में यह पाया गया है कि इसमें मौजूद लाइकोपीन हृदय रोगियों को राहत पहुंचाता है। ये सभी जानकारी शोध के आधार पर प्रस्तुत की गई है।