काठमांडू । नेपाल की राजधानी काठमांडू में आज पूर्व राजा ज्ञानेन्द्र के समर्थकों के समर्थन में होने वाले शक्ति प्रदर्शन के दौरान टकराव की आशंका के मद्देनजर सुरक्षा का तगड़ा इंतजाम किया गया है। इस शक्ति प्रदर्शन को नेपाल में राजशाही की वापसी के लिए चल रही मुहिम का बड़ा कदम माना जा रहा है।
राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी, नवराज सुवेदी का संयुक्त मोर्चा, अभियान के बड़े नेता दुर्गा प्रसाई, विश्व हिन्दू महासंघ, शिवसेना नेपाल आदि ने समर्थकों से काठमांडू पहुंचकर पूर्व राजा के पक्ष में खड़े होने का आह्वान किया है। आज के शक्ति प्रदर्शन के कमांडर दुर्गा प्रसाई हैं।
दुर्गा प्रसाई का कहना है कि भीड़ के लिहाज से आज का प्रदर्शन पूर्व राजा के स्वागत समारोह से कहीं बड़ा होगा। लोग भक्तपुर इलाके से आगे बढ़ते हुए तिनकुने पहुंचेंगे। यहां पर सभा होगी। शक्ति प्रदर्शन को नेपाल पुलिस और नेपाली सेना के कई अवकाशप्राप्त अधिकारियों का समर्थन प्राप्त है।
दूसरी ओर लोकतंत्र समर्थक भी जवाब देने के लिए तैयार हैं। उन्होंने भी प्रदर्शन करने का ऐलान किया है। इस प्रदर्शन में माओवादी पार्टी, एकीकृत समाजवादी पार्टी, नेपाल समाजवादी पार्टी, नेपाल कम्यूनिष्ट पार्टी, राष्ट्रीय जनमोर्चा, सहित समाजवादी मोर्चा के कार्यकर्ता और समर्थक हिस्सा लेंगे।माओवादी अध्यक्ष प्रचण्ड ने आज सुबह ही एक वीडियो संदेश जारी कर शांतिपूर्ण तरीके से जुलूस और प्रदर्शन करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि पूर्व राजा के समर्थकों की सक्रियता देश के गणतंत्र और संघीयता के लिए खतरा है।
माओवादी पार्टी के नेतृत्व में काठमांडू के प्रदर्शनी मार्ग पर बीच सड़क पर मंच बनाया गया है। यहीं पर प्रदर्शनकारी पहुंचेंगे। नेपाली कांग्रेस और एमाले का भी समर्थन है। एमाले के महासचिव शंकर पोखरेल ने माओवादी के नेतृत्व में हो रही गणतंत्र पक्षधर रैली को अच्छा कदम बताया है।
इस दौरान नेपाल पुलिस, सशस्त्र प्रहरी बल, दंगा नियंत्रण सुरक्षा बल के लगभग सात हजार कर्मियों की तैनाती की गई है। नेपाल पुलिस के प्रमुख आईजीपी दीपक थापा ने बताया कि टकराव की आशंका की वजह से दोनों पक्षों को निर्धारित स्थानों पर ही प्रदर्शन और जनसभा करने के लिए आगाह किया गया है। राजधानी के सभी संवेदनशील इलाकों में निषेधाज्ञा लागू है। राष्ट्रपति भवन, प्रधानमंत्री आवास, मंत्रालयों, सिंह दरबार, राज दरबार, सैन्य मुख्यालय, पुलिस मुख्यालय, विमानस्थल जैसे संवेदनशील स्थानों पर लोगों के एकत्र होने, जुलूस और प्रदर्शन पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है।