केंद्रीय मंत्रिमंडल ने हाल ही में केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए महंगाई भत्ते (DA) में 2% की वृद्धि को मंजूरी दी है। इस वृद्धि के बाद, महंगाई भत्ता 53% से बढ़कर 55% हो जाएगा। इसका मुख्य उद्देश्य मुद्रास्फीति को नियंत्रित करना और 8वें वेतन आयोग से पहले कर्मचारियों के वेतन में सुधार करना है।
पिछली बार जुलाई 2024 में महंगाई भत्ते में वृद्धि की गई थी, जब इसे 50% से बढ़ाकर 53% किया गया था। अब केंद्रीय मंत्रिमंडल ने फिर से 2% की वृद्धि को मंजूरी दी है।
1 जनवरी 2025 से लागू
सातवें वित्त आयोग के तहत, केंद्रीय कर्मचारियों के लिए हर साल दो बार महंगाई भत्ते में वृद्धि होती है, जो छमाही आधार पर होती है। यदि किसी कर्मचारी की बेसिक सैलरी 50,000 रुपये है, तो पहले उनका महंगाई भत्ता 26,500 रुपये था, जो अब बढ़कर 27,500 रुपये हो जाएगा। इस प्रकार, उनकी सैलरी में 1,000 रुपये की वृद्धि होगी।
नई 2% की वृद्धि 1 जनवरी 2025 से प्रभावी होगी। इसका मतलब है कि जनवरी और फरवरी के साथ-साथ मार्च का महंगाई भत्ता भी कर्मचारियों की सैलरी में जोड़ा जाएगा। हाल ही में, सरकार ने 8वें वेतन आयोग का गठन भी किया है, जिसकी सिफारिशें 2026 के पहले महीने से लागू होने की उम्मीद है।
महंगाई भत्ता क्या है?
महंगाई भत्ता (DA) सरकारी कर्मचारियों को महंगाई के प्रभाव को कम करने के लिए दिया जाने वाला वित्तीय लाभ है, ताकि उनका वेतन जीवन की बढ़ती लागत के अनुरूप बना रहे। मूल वेतन हर 10 साल में वेतन आयोग द्वारा निर्धारित किया जाता है, जबकि महंगाई भत्ता समय-समय पर समायोजित किया जाता है।
पेंशनर्स को भी इसका लाभ मिलता है, जिससे उन्हें वृद्धावस्था में वित्तीय सहायता मिलती है। हालांकि, DA में वृद्धि से सरकारी खजाने पर अतिरिक्त बोझ पड़ता है, जो सरकार के वित्तीय प्रबंधन को प्रभावित कर सकता है।