रक्षा मंत्रालय ने दी भारतीय सेना को 156 लड़ाकू हेलीकॉप्टर खरीदने की मंजूरी, आसमान से दुश्मनों पर बरसेगी 'प्रचंड' आग
Samachar Nama Hindi March 29, 2025 03:42 PM

केंद्र सरकार ने अपनी सैन्य शक्ति को और मजबूत करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। दरअसल, भारतीय वायुसेना ने सितंबर 2023 में रक्षा मंत्रालय से स्वदेशी हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टर प्रचंड की मांग की थी। वायुसेना की इस मांग को रक्षा मंत्रालय ने शुक्रवार को हरी झंडी दे दी है। रक्षा अधिकारी ने बताया कि भारत ने 156 मेड इन इंडिया एलसीएच प्रचंड हेलीकॉप्टर खरीदने के अब तक के सबसे बड़े रक्षा सौदे को मंजूरी दे दी है। यह निर्णय शुक्रवार को सुरक्षा मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति की बैठक में लिया गया। रक्षा मंत्रालय ने वित्तीय वर्ष 2025-26 में 2.09 लाख करोड़ रुपये से अधिक के अनुबंधों पर हस्ताक्षर किए हैं।

एचएएल को अब तक का सबसे बड़ा ऑर्डर

रक्षा अधिकारी ने बताया कि यह हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के लिए अब तक का सबसे बड़ा ऑर्डर होगा। हेलीकॉप्टरों का निर्माण कर्नाटक के बेंगलुरू और तुमकुर स्थित संयंत्रों में किया जाएगा। आपको बता दें कि इससे पहले 83 लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एलसीए) का सबसे बड़ा ऑर्डर दिया जा चुका है। 97 अतिरिक्त एलसीए के लिए ऑर्डर देने की प्रक्रिया भी पूरी हो चुकी है। 307 एटीएजीएस हॉवित्जर तोपों की खरीद को भी हाल ही में कैबिनेट से मंजूरी मिली है।

यह सौदा 45 हजार करोड़ रुपए का है।

आपको बता दें कि यह डील आत्मनिर्भर भारत को बढ़ावा देने और भारतीय वायुसेना और थलसेना की ताकत बढ़ाने में अहम साबित होगी। सुरक्षा मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने 156 भारत निर्मित एलसीएच प्रचंड हेलीकॉप्टरों के लिए 45,000 करोड़ रुपये के सौदे को मंजूरी दे दी है। इस सौदे के तहत भारतीय सेना और वायुसेना के लिए हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) से 156 हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टर खरीदे जाएंगे।

किन बलों को एल.सी.एच. मिलेगा?

156 हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टरों में से 90 हेलीकॉप्टर भारतीय सेना को मिलेंगे जबकि 66 हेलीकॉप्टर भारतीय वायु सेना को मिलेंगे।

'प्रचंड' की ताकत

प्रचंड हेलीकॉप्टरों के कारण, लड़ाकू खोज और बचाव (सीएसएआर), शत्रु वायु रक्षा (डीईएडी) का विनाश, आतंकवाद विरोधी (सीआई) ऑपरेशन, दूर से संचालित विमान (आरपीए) को मार गिराना आसान हो जाएगा और उच्च ऊंचाई वाले बंकर नष्ट करने के ऑपरेशन में मदद मिलेगी। प्रचंड का यह हेलीकॉप्टर दुनिया का एकमात्र हमलावर हेलीकॉप्टर है जो 16,400 फीट (5,000 मीटर) की ऊंचाई पर उड़ सकता है। यह सियाचिन ग्लेशियर और पूर्वी लद्दाख जैसे ऊंचाई वाले क्षेत्रों में तैनाती के लिए उपयुक्त है, हवा से जमीन और हवा से हवा में हमला करने में सक्षम है, मिसाइलों से लैस है और दुश्मन की हवाई सुरक्षा को नष्ट कर सकता है।

'प्रचंड' की संरचना क्या है?

एलसीएच में दो लोग बैठ सकते हैं। यह 51.10 फीट लंबा और 15.5 फीट ऊंचा है। सम्पूर्ण उपकरण सहित इसका वजन 5800 किलोग्राम है। यह 700 किलोग्राम तक के हथियार ले जा सकता है। इसकी अधिकतम गति 268 किमी प्रति घंटा तथा रेंज 550 किमी है। यह लगातार 3 घंटे 10 मिनट तक उड़ सकता है। यह पर्याप्त मात्रा में हथियारों और आवश्यक उपकरणों के साथ 16,400 फीट की ऊंचाई पर उड़ान भर सकता है। एल.सी.एच. 20 एम.एम. तोप से सुसज्जित है। यहां 4 हार्डपॉइंट हैं, यानी रॉकेट, मिसाइल और बम दागे जा सकते हैं। इस हेलीकॉप्टर का कॉकपिट कांच का बना है। इसके अलावा फ्रेम भी मिश्रित है। भविष्य में इसका संस्करण और भी उन्नत किया जाएगा।

Mi-35 और Mi-25 की जगह लेगा

एलसीएच हेलीकॉप्टरों की तैनाती के बाद पुराने एमआई-35 और एमआई-25 हेलीकॉप्टरों को हटा दिया जाएगा। ये दोनों हेलीकॉप्टर रूस द्वारा निर्मित हैं। वायु सेना लंबे समय से इनका प्रयोग कर रही है। उनका एक स्क्वाड्रन भंग कर दिया गया है। क्योंकि उनकी जगह बोइंग कंपनी के AH-64E अपाचे हेलीकॉप्टर तैनात किए गए हैं।

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