दिल्ली की सड़कों पर आम लोगों के सफर को आसान बनाने वाले 'हरे-पीले' रंग के सीएनजी ऑटो कुछ दिनों में अतीत की बात हो सकते हैं। इसके बजाय, नीले और सफेद रंग के इलेक्ट्रिक ऑटो सड़कों पर तेजी से दौड़ते देखे जा सकते हैं। दिल्ली सरकार बहुत जल्द इस संबंध में बड़ा फैसला लेने जा रही है।मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, दिल्ली सरकार अगले महीने 'दिल्ली इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी 2.0' जारी कर सकती है। इसमें दिल्ली की सड़कों पर इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या बढ़ाने के लिए चरणबद्ध तरीके से सीएनजी ऑटो हटाने की घोषणा हो सकती है।
चटी ऑटो की एक खबर के मुताबिक, दिल्ली ईवी पॉलिसी 2.0 में सरकार चरणबद्ध तरीके से दिल्ली की सड़कों से 10 साल से अधिक पुराने सभी सीएनजी ऑटो रिक्शा, टैक्सी और हल्के वाणिज्यिक वाहनों (एलसीवी) को हटाएगी। इसके बजाय, सरकार इलेक्ट्रिक ऑटो रिक्शा, दोपहिया वाहन, हल्के वाणिज्यिक वाहनों के साथ-साथ इलेक्ट्रिक बसों और ट्रकों की खरीद के लिए प्रोत्साहन दे सकती है।दिल्ली सरकार ने पहले ही डीटीसी बस बेड़े को इलेक्ट्रिक बसों से बदलने का लक्ष्य रखा है। अब सरकार नई ईवी नीति में वाणिज्यिक, बेड़े और परिवहन से संबंधित वाहनों को पूरी तरह से इलेक्ट्रिक वाहनों से बदलने की दिशा में काम कर सकती है।
दिल्ली में पहली इलेक्ट्रिक वाहन नीति 2020 में आई थी जो अगस्त 2024 में समाप्त हो गई थी। इसलिए अब इसका 2.0 संस्करण आना है। दिल्ली ईवी नीति 2.0 पिछली नीति का स्थान लेगी। इसमें कई बड़े बदलाव हो सकते हैं। दिल्ली सरकार का लक्ष्य 2027 तक राजधानी में चलने वाले 95 प्रतिशत वाहनों को इलेक्ट्रिक बनाना है। इसके लिए यह नीति लोगों के बीच ईवी अपनाने को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करेगी।
सरकार इस नीति को लोकप्रिय बनाने के लिए कई पहल लागू कर सकती है। प्रोत्साहन देने के अलावा सरकार पेट्रोल वाहनों में इलेक्ट्रिक सिस्टम के रेट्रोफिटिंग को बढ़ावा देने की दिशा में भी काम कर सकती है। साथ ही, सरकार का प्रस्ताव है कि सभी नई इमारतों में 20 प्रतिशत पार्किंग स्थल में ईवी चार्जिंग का विकल्प होना चाहिए। साथ ही सरकार चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा देने पर भी काम कर सकती है।