उत्तराखंड में दुनियाभर के टूरिस्ट ट्रैकिंग के लिए आते हैं. यह सूबा प्रकृति की गोद में बसा है और ट्रैकिंग लवर्स के बीच काफी पॉपुलर है. उत्तराखंड को देवभूमि कहा जाता है. यहां के पहाड़ सैलानियों के दिल और दिमाग में बस जाते हैं. यहां की खूबसूरती नजरों से नहीं उतरती है. पहाड़ों की बर्फ से ढकी चोटियां, हरे-भरे जंगल, ऊंचे पहाड़ और कल-कल बहती नदियां टूरिस्टों को मंत्रमुग्ध कर देती हैं और दूर-दूर तक फैली हरियाली मन को प्रसन्नता से भर देती है. गढ़वाल और कुमाऊं दो मंडलों में विभाजित उत्तराखंड में टूरिस्टों के घूमने के लिए कई मशहूर हिल स्टेशन हैं जो वर्ल्ड वाइड फेमस हैं. ट्रैकिंग के लिए पहाड़ों में कई ऐसी बेहतरीन जगहें जो टूरिस्टों को रोमांच से भर देती हैं.
वैसे तो पहाड़ों में हर हिल स्टेशन में टूरिस्टों को ट्रैकिंग का अनुभव मिल ही जाता है. क्योंकि पहाड़ों में बिना ट्रैकिंग के आप चल नहीं सकते. अगर आप नैनीताल भी घूमते हैं तो यहां भी आपको ट्रैकिंग करनी होगी. लेकिन कुछ ट्रैकिंग प्लेसिस ऐसे होते हैं, जहां टूरिस्ट सिर्फ ट्रैकिंग के लिए ही आते हैं. इनमें मुनस्यारी भी एक है. यहां का खलिया टॉप सबसे पॉपुलर ट्रैकिंग प्लेस है. आप यहां ट्रैकिंग के लिए जा सकते हैं और इसके साथ ही मुनस्यारी के पहाड़ों और प्रकृति के नजारों का आनंद ले सकते हैं. इसके अलावा आप पन्पटिया कोल ट्रेक पर भी जा सकते हैं. यह 4200 मीटर की ऊंचाई पर है. यहां का रास्ता ग्लेशियर से होकर गुजरता है. यहां से चौखंबा, नीलकंठ, पार्वती की चोटी और सुजल सरोवर का बेहद अद्भुत नजारा दिखता है. आप चंद्रशीला ट्रेक पर ट्रैकिंग के लिए जा सकते हैं.
यहां से हिमालय के नजारों को देख सकते हैं. यह ट्रैकिंग प्लेस सालभर खुला रहता है. इस ट्रेक के जरिए आप दुनिया के सबसे ऊंचे शिव मंदिर तक पहुंच सकते हैं जो तुंगनाथ में 4000 मीटर की ऊंचाई पर है. उत्तराखंड में टूरिस्ट फूलों की घाटी की ट्रैकिंग कर सकते हैं. यह घाटी जून में खुलती है. यहां कई प्रजातियों के फूल देख सकते हैं. टूरिस्ट पंचकेदार की ट्रैकिंग कर सकते हैं. टूरिस्ट नंदा देवी ट्रेक पर जा सकते हैं. यह एक चुनौतीपूर्ण ट्रेक है जो आपको नंदा देवी के आधार शिविर तक ले जाता है.