लोन लेना आमतौर पर एक गंभीर प्रक्रिया होती है, खासकर जब किसी के पास पर्याप्त धन नहीं होता। ऐसे में लोग बैंक से लोन लेते हैं, और बैंक सभी आवश्यक जानकारी की जांच करता है। लोन लेने वाले को ब्याज चुकाना होता है, और प्रक्रिया कई चरणों में होती है। बैंक यह सुनिश्चित करता है कि वह धोखाधड़ी का शिकार न हो।
हाल ही में एक व्यक्ति ने बैंक से 21 अरब रुपये का लोन लिया, जो कि एक अनोखी धोखाधड़ी का हिस्सा था। उसने बैंक को बताया कि वह एक एयरपोर्ट का निर्माण कर रहा है। लेकिन असल में, न तो कोई एयरपोर्ट बन रहा था और न ही उसका ऐसा कोई इरादा था। यह पूरी तरह से एक धोखाधड़ी थी।
यह व्यक्ति, एम्मानुएल नवुड, पहले नाइजीरिया के यूनियन बैंक में निदेशक था। उसने अपने बैंकिंग अनुभव का उपयोग करते हुए ब्राजील के एक बैंक के निदेशक नेलसन सकागुची को फोन किया और एयरपोर्ट के नाम पर लोन प्राप्त किया। हैरानी की बात यह है कि ब्राजील के बैंक ने बिना किसी जांच के केवल एक कॉल पर इतनी बड़ी राशि जारी कर दी।
किसी ने भी एयरपोर्ट के निर्माण की सत्यता की जांच नहीं की। 1997 में जब बैंक ने अपने खातों की समीक्षा की, तो उन्हें संदेह हुआ। जांच के बाद, मामला अदालत में गया, जहां एम्मानुएल नवुड को धोखाधड़ी का दोषी पाया गया और उसे 25 साल की जेल की सजा सुनाई गई। हालांकि, 2006 में उसे रिहा कर दिया गया। इस घटना के बाद, इस प्रकार के धोखाधड़ी को 419 स्कैम के नाम से जाना जाने लगा। एम्मानुएल नवुड द्वारा किया गया यह स्कैम दुनिया के सबसे बड़े धोखाधड़ियों में से एक माना जाता है।