Haryana Update : भारत में बैंकिंग प्रणाली ने एक मजबूत आधार बना लिया है, जिससे लोग अपनी वित्तीय आवश्यकताओं के लिए बैंकों पर निर्भर हो गए हैं। विशेष रूप से, जब लोन की बात आती है, तो CIBIL स्कोर की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण होती है। यदि आपका CIBIL स्कोर संतोषजनक नहीं है, तो आपको लोन प्राप्त करने में कठिनाई हो सकती है या फिर उच्च ब्याज दरों पर कर्ज लेना पड़ सकता है। इसलिए, यदि आप बैंक से लोन लेने की योजना बना रहे हैं, तो पहले अपने CIBIL स्कोर को सुधारना आवश्यक है।
क्रेडिट कार्ड का सीमित उपयोग करें
अपने क्रेडिट स्कोर को बेहतर बनाए रखने के लिए क्रेडिट कार्ड का सीमित उपयोग करना आवश्यक है। क्रेडिट उपयोग अनुपात को 30% से कम रखना न केवल आपके स्कोर को बेहतर बनाएगा, बल्कि अनावश्यक खर्चों को भी कम करेगा। यदि आपकी जरूरतें बढ़ रही हैं, तो आप क्रेडिट कार्ड की सीमा बढ़ाने पर विचार कर सकते हैं।
समय पर भुगतान करें
क्रेडिट कार्ड के बिल या लोन की EMI का समय पर भुगतान करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। यदि आप समय पर भुगतान नहीं करते हैं, तो इससे CIBIL स्कोर पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है, जिससे भविष्य में लोन लेना कठिन हो जाएगा या आपको उच्च ब्याज दर चुकानी पड़ेगी।
लोन का संतुलन बनाए रखें
क्रेडिट स्कोर को बनाए रखने के लिए आपके पास सुरक्षित (जैसे होम लोन, कार लोन) और असुरक्षित (जैसे क्रेडिट कार्ड लोन, व्यक्तिगत लोन) ऋणों का सही संतुलन होना चाहिए। इससे आपका क्रेडिट स्कोर स्थिर रहता है और भविष्य में लोन प्राप्त करना आसान हो जाता है।
CIBIL स्कोर क्या है?
CIBIL स्कोर एक तीन अंकों की संख्या होती है, जो 300 से 900 के बीच होती है। 750 या उससे अधिक स्कोर होने पर बैंक आसानी से लोन मंजूर कर देते हैं। CIBIL स्कोर आपकी वित्तीय आदतों, लोन भुगतान के इतिहास और क्रेडिट उपयोग को दर्शाता है।
CIBIL स्कोर का लोन पर प्रभाव
यदि आपका CIBIL स्कोर अच्छा है, तो आपको लोन कम ब्याज दरों पर मिल सकता है। उदाहरण के लिए, SBI जैसे बैंक क्रेडिट स्कोर के आधार पर लोन की ब्याज दर निर्धारित करते हैं। जितना बेहतर स्कोर होगा, उतना सस्ता लोन मिलेगा।