यह झरना उत्तराखंड में नहीं बल्कि गोवा में है. इस झरने को देखने के लिए देश के कोने-कोने से टूरिस्ट आते हैं. इस झरने में पानी 320 मीटर की ऊंचाई से गिरता है. यह सुंदर झरना गोवा और कर्नाटक की सीमा पर स्थित है. दूधसागर झरना पणजी से 60 किलोमीटर की दूरी पर है.
दूर से देखने पर यह झरना ऐसा लगता है कि जैसे पानी की जगह दूध ऊपर से नीचे गिर रहा हो, तभी इसका नाम दूधसागर पड़ा है.
सबसे खास बात है कि यह झरना भारत के सबसे ऊंचे झरनों में शामिल है. मांडोवी नदी पर बना यह झरना जब ऊंचाई से गिरता है तो सैलानियों को मंत्रमुग्ध कर देता है. इस झरने का आकर्षण ऐसा है कि एक बार करीब से देखने पर इसे बार-बार देखने की इच्छा होती है. यहां जाने के बाद आपको लगेगा कि कुदरत वाकई में कितनी खूबसूरत होती है और पहाड़, नदियां, झरने और वादियां किस तरह से इंसान को भीतर से प्रफुल्लित कर देते हैं.
इस झरने को सैलानी हफ्ते के सातों दिन सुबह 9 बजे से लेकर शाम 6 बजे तक देख सकते हैं. इस झरने के आसपास का पूरा क्षेत्र संरक्षित है. यह एरिया बेहद सुंदर और प्राकृतिक सुंदरता से भरपूर है.
यहां की ट्रैकिंग का पहला रास्ता कुवेशी गांव से शुरू होता है. हालांकि मानसून के दौरान सैलानियों को ट्रैकिंग से बचने की सलाह दी जाती है, क्योंकि इस दौरान नदियां का पानी ऊफान पर होता है और रास्ते फिसलन भरे होते हैं. यही वजह है कि बारिश और मानसून के दौरान कभी भी ट्रैकिंग नहीं करनी चाहिए.