शेयर मार्केट में मची अफरा-तफरी, निफ्टी ने महत्वपूर्ण सपोर्ट लेवल तोड़ा, और कमज़ोरी आ सकती
et April 04, 2025 04:42 PM
शेयर मार्केट में शुक्रवार को बड़ी गिरावट देखी जा रही है. कारोबार की शुरुआत कुछ गिरावट के साथ हुई और बाज़ार खुलते ही गिरावट गहरा गई. निफ्टी में ओपनिंग बेल के साथ 60 अंकों की गिरावट के साथ 23190 के लेवल पर खुला लेकिन बाज़ार खुलते ही अगले 10 मिनट में निफ्टी 23029 के लो लेवल पर आ गया.निफ्टी ने ओपनिंग के बाद अपना महत्वपूर्ण सपोर्ट लेवल 23145 तोड़ दिया और उसमें और कमज़ोरी आ गई.सेंसेक्स में भी 300 अंकों से अधिक की गिरावट हुई और वह 76000 के लेवल से नीचे आ गया. मार्केट में ट्र्म्प टैरिफ के बाद पैनिक सेलिंग देखी जा रही है. अमेरिका द्वारा भारत सहित विभिन्न देशों पर रेसिप्रोकल टैरिफ की घोषणा के बाद इक्विटी मार्केट रिसपॉन्स दे रहे हैं और उनमें गिरावट देखी जा रही है.निफ्टी 50 पैक से एचडीएफसी बैंक, टाटा कंज़्यूमर, भारती एयरटेल, बजाज फाइनेंस, नेस्ले इंडिया जैसे स्टॉक टॉप गेनर्स में दिख रहे हैं.शेयर मार्केट में शुक्रवार को सेंसेक्स में शामिल टाटा मोटर्स , टाटा स्टील , इंफोसिस , एलएंडटी, मारुति और टेक महिंद्रा में सबसे ज्यादा 3.5% तक की गिरावट आई. दूसरी ओर, एचडीएफसी बैंक , भारती एयरटेल , बजाज फाइनेंस और एमएंडएम में बढ़त दर्ज की गई. एचडीएफसी बैंक ने मार्च तिमाही में अग्रिमों की तुलना में जमा वृद्धि की रिपोर्ट करने के बाद लाभ अर्जित किया. जेफरीज ने बताया कि भारत के सबसे बड़े ऋणदाता के लिए चार तिमाहियों के बाद ऋण वृद्धि में सुधार हुआ है.इंडिव्यूजुअल स्टॉक में यस बैंक ने कमजोर Q4 बिज़नेस अपडेट की रिपोर्ट करने के बाद 3% की गिरावट दर्ज की. सेक्टोरियल फ्रन्ट पर सभी सूचकांक लाल निशान में थे. निफ्टी मेटल 3.2% कम खुला, जबकि निफ्टी ऑटो, आईटी, फार्मा, रियल्टी, हेल्थकेयर, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स और ऑयल एंड गैस में 1-2% की गिरावट आई. ट्र्म्प टैरिफ का प्रमुख घटनाक्रम समाप्त हो चुका है, लेकिन उसके बाद के प्रभाव देखे जा रहे हैं.बाजार का ध्यान अब 9 अप्रैल को आरबीआई की मौद्रिक नीति और अगले सप्ताह से शुरू होने वाली चौथी तिमाही की आय पर केंद्रित होगा.अमेरिकी शेयर बाजारों में गुरुवार को भारी गिरावट देखी गई. यह वर्षों में सबसे बड़ी एक दिन में होने वाली गिरावट थी. टैरिफ वॉर के बाद अमेरिका में मंदी की आशंका के कारण बाज़ार गिर गए.अमेरिका ने सभी आयातों पर 10% का बेसलाइन टैरिफ लगाया, साथ ही ट्रेड पार्टनर देशो पर रेसिप्रोकल टैरिफ लगाया. भारत को 26% प्रतिशोधात्मक टैरिफ का सामना करना पड़ा, जो चीन के 34%, वियतनाम के 46% और बांग्लादेश के 37% से कम है.
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