डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद से अमेरिका में सरकारी विभागों और कर्मचारियों की छंटनी का दौर जारी है। सरकारी खर्चों में कटौती के नाम पर शिक्षा, स्वास्थ्य और विदेशी सहायता जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में हजारों कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त की जा चुकी हैं। अब ट्रंप प्रशासन की नजर अमेरिकी सेना पर है, जहां लगभग 90,000 सैनिकों की छंटनी की संभावना जताई जा रही है.
इस महत्वपूर्ण निर्णय का उद्देश्य अमेरिकी रक्षा बजट को संतुलित करना और डिफेंस डिपार्टमेंट पर बढ़ते वित्तीय बोझ को कम करना है। रिपोर्टों के अनुसार, ट्रंप प्रशासन द्वारा स्थापित डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी (DOGE) के तहत ये कदम उठाए जा सकते हैं.
रक्षा विभाग की बड़ी तैयारी, सैनिकों की संख्या में भारी कटौती की योजना
एक रिपोर्ट में खुलासा किया गया है कि अमेरिकी रक्षा विभाग अपने सक्रिय सैन्य बल में बड़े पैमाने पर कटौती की योजना बना रहा है। इस मामले से जुड़े तीन अधिकारियों ने बताया कि रक्षा विभाग लगभग 90,000 सैनिकों की छंटनी पर विचार कर रहा है.
वर्तमान में अमेरिकी सेना में 4,50,000 सक्रिय सैनिक हैं। छंटनी के बाद इस संख्या को घटाकर 3,60,000 से 4,20,000 के बीच लाने का प्रस्ताव है.
वित्तीय दबाव बना बड़ा कारण
अधिकारियों के अनुसार, ये फैसला बढ़ते वित्तीय दबाव और बजट कटौती के तहत लिया जा सकता है। ट्रंप प्रशासन का मानना है कि सैन्य खर्च को कम कर देश की आर्थिक स्थिति को और स्थिर बनाया जा सकता है.
गौरतलब है कि इससे पहले USAID, डिपार्टमेंट ऑफ एजुकेशन और हेल्थ डिपार्टमेंट जैसे कई अहम सरकारी विभागों से हजारों कर्मचारियों को निकाल दिया गया है.
DOGE की भूमिका महत्वपूर्ण
सरकारी खर्चों को कम करने के लिए डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी (DOGE) की स्थापना की गई थी, जो सभी विभागों में अनावश्यक खर्च की समीक्षा कर रहा है। सेना से जुड़ी छंटनी भी इसी समीक्षा प्रक्रिया का हिस्सा मानी जा रही है.
क्या होंगे इसके असर?
विशेषज्ञों का मानना है कि इतनी बड़ी संख्या में सैनिकों की छंटनी से न केवल सेना की संचालन क्षमता प्रभावित हो सकती है, बल्कि इसके राजनीतिक और रणनीतिक प्रभाव भी लंबे समय तक देखे जा सकते हैं.
हालांकि ट्रंप प्रशासन ने अभी तक इस पर आधिकारिक बयान नहीं दिया है, लेकिन इस संभावित फैसले को लेकर अमेरिका के अंदर और बाहर गंभीर चर्चाएं शुरू हो चुकी हैं.