उसने स्वीकार किया कि वह हर हफ्ते लगभग दो i-pills लेती थी। यह सुनकर मैं हैरान रह गई। जब मैंने उसके बॉयफ्रेंड को बुलाने को कहा ◦◦
Himachali Khabar Hindi April 10, 2025 09:42 AM

मैं एक गायनेकोलॉजिस्ट हूं और बैंगलोर के एक सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में काम करती हूं। जब मैंने इस फील्ड को चुना, तो सोचा था कि नवविवाहित जोड़ों और महिलाओं की जिंदगी को बेहतर बनाने का सौभाग्य मिलेगा।

लेकिन जैसे-जैसे मैंने काम शुरू किया, मेरी सोच बदल गई। मेरे पास आने वाले पेशेंट्स में ज्यादातर 12वीं में पढ़ने वाली लड़कियां और 25 साल की अविवाहित महिलाएं थीं।

एक दिन, एक लड़की आई जिसने शिकायत की कि उसे संभोग के दौरान दर्द होता है। जब मैंने उससे पूछा कि क्या उसके पति आए हैं, तो उसने जवाब दिया कि उसकी शादी नहीं हुई है। यह सुनकर मैंने ज्यादा सवाल नहीं किए और दवाइयां लिख दीं।

कुछ दिनों बाद, एक और लड़की आई, जिसने अपनी उम्र 27 साल बताई थी। उसे पेट दर्द की समस्या थी, और जांच में पता चला कि उसकी बच्चेदानी में सूजन है। जब उससे विस्तार से पूछा, तो उसने बताया कि वह लंबे समय से i-pill जैसी गोलियों का सेवन कर रही है।

उसने स्वीकार किया कि वह हर हफ्ते लगभग दो i-pills लेती थी। यह सुनकर मैं हैरान रह गई। जब मैंने उसके बॉयफ्रेंड को बुलाने को कहा, तो वह डर गई, लेकिन दबाव डालने पर उसे बुलाया। वह लड़का महज 12वीं कक्षा में था, और लड़की खुद भी सिर्फ 17 साल की थी, जबकि उसने अपनी उम्र 27 बताई थी।

जांच में पता चला कि लड़की को इन गोलियों के दुष्प्रभाव के कारण कई स्वास्थ्य समस्याएं हो चुकी थीं। उसकी बच्चेदानी को निकालना पड़ा, और वह अब कभी मां नहीं बन सकेगी।

इस घटना ने मुझे झकझोर दिया। मैंने उससे पूछा कि उसने i-pill लेने का निर्णय कैसे लिया, तो उसने बताया कि उसने टीवी विज्ञापन और दोस्तों की बातों से प्रेरणा ली थी। निरोध के इस्तेमाल के बाद भी डर के कारण वह यह दवा लेती थी।

मुझे समझ नहीं आया कि किसे दोष दूं-वे विज्ञापन जो ऐसी दवाओं को बढ़ावा देते हैं, वेब सीरीज और गंदी फिल्मों को, हमारे एजुकेशन सिस्टम को जो सेक्स शिक्षा पर खुलकर बात नहीं करता, होटल वालों को जो नाबालिगों को एंट्री देते हैं, या फिर उस मॉडर्न मां को जो अपने फोन में व्यस्त रहती है।

12वीं की उस बच्ची को इलाज के बाद भी अपनी बच्चेदानी गंवानी पड़ी। अब वह कभी मां नहीं बन सकती।

एक डॉक्टर होने के नाते, मैं आप सबसे अपील करती हूं कि इस कहानी को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाएं। हमें अपने परिवार की लड़कियों से इन विषयों पर खुलकर बात करनी चाहिए। जागरूकता ही इस समस्या का समाधान है।

Plzzz अगर Agree हो तो 1 share मेरे लिए क्योंकि जो new लड़कियां है उन्हें बताना जरूरी है ये सब ।।राम राम

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