ग्राम प्रधान गुल आयशा, जिन पर क्रिकेटर मोहम्मद शमी के परिवार के आठ सदस्यों, जिनमें उनकी बहन और बहनोई भी शामिल हैं, के जॉब कार्ड बनाकर मजदूरी हड़पने का आरोप है, को भी राशन कार्ड मामले में फंसाया गया है। इस संबंध में डीएम के निर्देश पर सीडीओ ने जांच शुरू कर दी है।
जिसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। पलौला गांव की मुखिया गुल आयशा हैं, जो क्रिकेटर मोहम्मद शमी की बहन शबीना की सास हैं। हाल ही में उनके परिवार के आठ सदस्यों समेत 18 लोगों द्वारा अवैध रूप से मनरेगा मजदूरी प्राप्त करने का मामला सामने आया था।
यह मामला प्रकाश में आने के बाद केंद्र और राज्य सरकार ने भी रिपोर्ट मांगी है। डीएम निधि गुप्ता वत्स ने इस मामले की जांच परियोजना निदेशक अमरेंद्र प्रताप सिंह को सौंपी। जांच रिपोर्ट आने के बाद ग्राम प्रधान से कुल 8.68 लाख रुपये की रिकवरी की गई।
इसके अलावा इस मामले में दोषी पाए गए बीडीओ और सचिव के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की गई और तीन सचिवों, एक लेखाकार, चार रोजगार सेवकों, एक एपीओ, एक तकनीकी सहायक और एक कंप्यूटर ऑपरेटर के खिलाफ केस दर्ज कराया गया। अब ग्राम प्रधान गुल आयशा के बीपीएल कार्ड धारक होने का मामला प्रकाश में आया है।
उनके राशन कार्ड में कुल चार यूनिट दर्ज हैं। मामले की जानकारी मिलने के बाद डीएम ने इसकी जांच सीडीओ अश्वनी कुमार मिश्रा को सौंपी है। डीएसओ रीना रानी का कहना है कि इस मामले की विभागीय जांच भी कराई जा रही है। मंत्री जी ने कहा कि राशन कार्ड बनने के बाद कितना राशन लिया गया है?
इसकी रिपोर्ट मुख्यालय से भी मांगी जा रही है। जिसके बाद उच्च अधिकारियों के निर्देश पर कार्रवाई की जाएगी। सीडीओ ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है। मामले की जांच बीडीओ जोया को सौंपी गई है।