सर्वाइकल बायोप्सी में कोल्पोस्कोप (colposcope) का उपयोग करते हुए गर्भाशय ग्रीवा से एक छोटा ऊतक नमूना निकाला जाता है।
एंडो-सर्वाइकल क्युरेटेज (endocervical Curettage) के माध्यम से गर्भाशय ग्रीवा के अंदर के ऊतकों की जांच की जाती है।
सर्वाइकल कैंसर की स्क्रीनिंग से कैंसर के कारण होने वाली मृत्यु दर को काफी हद तक कम किया जा सकता है। यह प्रक्रिया हर तीन से पांच साल में की जाती है, और इसकी शुरुआत 21 से 25 वर्ष की आयु में होती है। यदि पिछले तीन परीक्षण सामान्य हैं, तो यह 65 वर्ष की आयु के बाद बंद की जा सकती है।
महिलाओं को सर्वाइकल कैंसर से बचने के लिए पैप स्मीयर और एचपीवी टेस्ट जैसे परीक्षण करवाने चाहिए। इन परीक्षणों से गर्भाशय ग्रीवा में किसी भी प्रकार के परिवर्तन का पता लगाया जा सकता है।