संभल से समाजवादी पार्टी के सांसद जिया-उर-रहमान बर्क ने भी हाल ही में इस मुद्दे पर शीर्ष अदालत में याचिका दायर की थी। मोइत्रा ने 9 अप्रैल को याचिका दायर की। उन्होंने कहा कि विवादास्पद संशोधन न केवल गंभीर प्रक्रियात्मक खामियों से ग्रस्त है बल्कि संविधान में निहित कई मौलिक अधिकारों का भी उल्लंघन करता है।ALSO READ:
याचिका में दलील दी गई है कि कानून बनाने की प्रक्रिया के दौरान संसदीय प्रथाओं का उल्लंघन हुआ। याचिका में कहा गया है कि प्रक्रियात्मक रूप से, संयुक्त संसदीय समिति के अध्यक्ष ने वक्फ (संशोधन) विधेयक पर समिति की मसौदा रिपोर्ट पर विचार और उसे अपनाने के चरण में तथा संसद के समक्ष उक्त रिपोर्ट की प्रस्तुति के चरण में संसदीय नियमों और प्रथाओं का उल्लंघन किया। याचिका में कहा गया है कि विपक्षी सांसदों की असहमति वाली राय को 13 फरवरी, 2025 को संसद में प्रस्तुत अंतिम रिपोर्ट से बिना किसी औचित्य के हटा दिया गया।(भाषा)
Edited by: Ravindra Gupta