पेट में गैस केवल एक साधारण पाचन समस्या नहीं है, बल्कि यह दिनभर के मूड और ऊर्जा स्तर को भी प्रभावित कर सकती है। आयुर्वेद के अनुसार, गैस का संबंध खराब पाचन और असंतुलित आहार से होता है। बाजार में उपलब्ध गैस की दवाएं तात्कालिक राहत देती हैं, लेकिन इनकी आदत लगने का खतरा रहता है। इसके विपरीत, देसी चूर्ण एक ऐसा उपाय है जो न केवल गैस को खत्म करता है, बल्कि पाचन तंत्र को भी मजबूत बनाता है। इसमें मौजूद प्राकृतिक तत्व शरीर के वात दोष को संतुलित करते हैं और बिना किसी साइड इफेक्ट के राहत प्रदान करते हैं।
अजवाइन और हींग भारतीय रसोई में महत्वपूर्ण मसाले हैं, जिनकी औषधीय गुणों को आयुर्वेद ने पहले ही पहचान लिया था। जब इन दोनों को काले नमक के साथ मिलाकर चूर्ण बनाया जाता है, तो यह पेट में फंसी गैस को तुरंत बाहर निकालने में मदद करता है। अजवाइन एंटीफ्लैटुलेंट के रूप में कार्य करती है, जबकि हींग पाचन रसों को सक्रिय करती है। इसका आधा चम्मच गुनगुने पानी के साथ लेने से कुछ ही मिनटों में गैस की समस्या से राहत मिलती है।
सौंफ, जीरा और मेथी को धीमी आंच पर भूनकर चूर्ण बनाने से यह पेट की गर्मी को कम करने के साथ-साथ आंतों में गैस बनने की प्रक्रिया को नियंत्रित करता है। यह मिश्रण गैस, एसिडिटी और कब्ज जैसी समस्याओं को भी दूर करता है। इसे दिन में दो बार – सुबह खाली पेट और रात को खाने के बाद लेने से पाचन शक्ति में सुधार होता है।
गैस की समस्या केवल आहार की गलतियों से नहीं होती, बल्कि मानसिक तनाव, नींद की कमी और गलत दिनचर्या भी इसके लिए जिम्मेदार होती हैं। आयुर्वेद के अनुसार, जब शरीर में वात दोष असंतुलित होता है, तो गैस बनती है। ऐसे में देसी चूर्ण उस असंतुलन को सुधारने का कार्य करते हैं। ये न केवल तात्कालिक राहत देते हैं, बल्कि शरीर के त्रिदोष को संतुलित कर दीर्घकालिक लाभ भी प्रदान करते हैं।