महाकुंभ 2025 में 13 वर्षीय लड़की का दान: एक अनोखी धार्मिक परंपरा
Gyanhigyan April 16, 2025 02:42 PM
महाकुंभ 2025 का भव्य आयोजन

प्रयागराज में महाकुंभ का आयोजन धूमधाम से किया जा रहा है, जिसमें लाखों भक्त शामिल होने की उम्मीद है। इस महाकुंभ से पहले आगरा से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां एक दंपत्ति ने अपनी 13 वर्षीय बेटी को दान करने का निर्णय लिया है। इस बच्ची का पिंडदान किया जाएगा, जिसके बाद वह साध्वी बन जाएगी।


परिवार की अनोखी कहानी

आगरा के बमरौली कटारा क्षेत्र के तर्र्कपुर गांव में रहने वाले संदीप सिंह, जो पेठा व्यापारी हैं, और उनकी पत्नी रीमा, जो गृहणी हैं, के दो बेटियां हैं - राखी और निक्की। बड़ी बेटी राखी, जो 13 साल की है, स्प्रिंग फील्ड इंटर कॉलेज में कक्षा नौ की छात्रा है। माता-पिता ने राखी को जूना अखाड़े को दान करने का निर्णय लिया है।


साध्वी बनने की इच्छा

रीमा ने बताया कि वे पिछले चार साल से गुरु की सेवा में जुड़े हुए हैं। कौशल गिरि ने उनके मोहल्ले में भागवत कथा कराई थी, जिसके बाद से उनकी भक्ति जागृत हुई। 26 दिसंबर को परिवार महाकुंभ मेला क्षेत्र में गया, जहां राखी ने साध्वी बनने की इच्छा व्यक्त की। इस इच्छा को पूरा करते हुए कौशल गिरि के माध्यम से उसे शिविर में प्रवेश कराया गया।


धार्मिक संस्कार और नामकरण

दंपत्ति ने अपनी बेटी राखी को संगम की रेती पर जूना अखाड़े को दान कर दिया। गंगा स्नान के बाद, हरियाणा से आए संत कौशल गिरि ने वैदिक मंत्रों के बीच राखी को शिविर में प्रवेश कराया और उसका नाम 'गौरी' रखा। गौरी का पिंडदान 19 जनवरी को होगा, और सभी धार्मिक संस्कार किए जाएंगे। इसके बाद, वह गुरु के परिवार का हिस्सा बन जाएगी।


राखी की शिक्षा और विशेषताएँ

राखी के स्कूल के प्रधानाचार्य ने बताया कि वह एक मेधावी छात्रा रही है, जो पढ़ाई में बहुत अच्छी थी। वह पूजा-अर्चना में भी बहुत ध्यान देती थी। नवरात्रि के दौरान, वह बिना जूते-चप्पल के स्कूल आती थी। आध्यात्मिक विषयों में उसकी रुचि उसे अन्य छात्रों से अलग बनाती है।


संत कौशल गिरी का बयान

जूना अखाड़ा के संत कौशल गिरी ने कहा कि यह सनातन धर्म का प्रचार है और दंपत्ति का यह कार्य हर कोई नहीं कर सकता।

© Copyright @2025 LIDEA. All Rights Reserved.