प्रयागराज, 16 अप्रैल . इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सीएमओ बुलंदशहर से व्यक्तिगत हलफनामा मांगा है और पूछा है कि संविदा कर्मियों की भर्ती में शासनादेश के विपरीत कोविड वारियर्स की अनदेखी क्यों की जा रही है. कोविड वॉरियर्स को संविदा नियुक्ति में प्राथमिकता देने का शासनादेश है.
यह आदेश न्यायमूर्ति अजित कुमार की एकलपीठ ने अंकुर सक्सेना व तीन अन्य की याचिका पर दिया है. इस याचिका को आजमगढ़ जिले की विचाराधीन याचिका के साथ सुनवाई हेतु पेश करने का निर्देश दिया है. इसमें भी सी एम ओ आजमगढ़ से यही जवाब मांगा गया है.
याचिका में कहा गया है कि कोरोना महामारी के दौरान जान जोखिम में डालकर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग में विभिन्न पदों पर संविदा पर अपनी सेवाएं देने वाले कोविड वॉरियर्स को नौकरी से निकाल दिया गया और नये सिरे से संविदा भर्ती की जा रही है. शासनादेश के अनुसार कोविड वाॅरियर्स को संविदा भर्ती में प्राथमिकता देने का आदेश दिया गया है. जिसकी अनदेखी की जा रही है.
कहा कि कोविड वॉरियर्स की मुश्किल समय में उत्कृष्ट देश सेवा को सम्मान देते हुए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन एवं प्रमुख सचिव, स्वास्थ्य विभाग के आदेशानुसार पुनर्नियुक्ति में प्राथमिकता दिया जाना आवश्यक है, ताकि इन कोरोना कर्मियों से लगातार काम लिया जा सके. किंतु बुलंदशहर समेत कई जनपदों में इन कर्मियों की सेवा समाप्त कर नए अभ्यर्थियों की नियुक्ति मनमाने तरीके से शासन की मंशा के विरुद्ध की जा रही है. वार्ड बॉय, आया एवं टेक्नीशियन जैसे पदों पर कार्यरत रहे कर्मियों के समक्ष जीवन यापन का गंभीर संकट खड़ा हो गया है.हाईकोर्ट ने संज्ञान लेते हुए सीएमओ, बुलंदशहर को निजी हलफनामे से स्थिति स्पष्ट करने का आदेश दिया.
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/ रामानंद पांडे